गोपालनगर टाड़ी गांव में सरयू नदी से कटान की गति तेज होने से तटवर्ती लोगों में भय का माहौल

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बैरिया, बलिया. उत्तरी दियरांचल के गोपालनगर टाड़ी गांव में सरयू नदी ने कटान की गति काफी तीब्र होने से तटवर्ती लोगों मे भय का माहौल बना हुआ है. नदी के तेज प्रवाह में कटान रोधी कार्य भी काफी प्रभावित हो रहा है. सूचना पर उप जिला मजिस्ट्रेट आत्रेय मिश्र उत्तरी दियरांचल के गोपाल नगर टाडी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. घाघरा के कटान के गति को देखते हुये श्री मिश्र ने वहां के बाशिंदे को अविलंब उस कटान स्थल को छोड़ने व कहि और अपना आशियाना बनाने की सलाह दी.

 

एसडीएम ने बताया कि जहां कटान हो रहा है वहां पूर्व में भी घाघरा नदी बहती थी. कटान को देखrने से ऐसा लगता है कि नदी अपने मूल जगह पर अपना पेटा कायम करने के लिये आतुर है. श्री मिश्र ने वहां बसे लोगो को सावधान करते हुये कहा कि मेरा आप लोगो से विनम्र आग्रह है कि आप लोग अपने व अपने परिवार का जान माल का कोई रिस्क न ले. फिलहाल जहां जगह मिले वहां अपना डेरा लगाकर अपने परिवार को अविलंब सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर लें. इस कार्य मे कोई अड़चन आती है तो मुझसे निःसंकोच मिलकर अपनी समस्या से अवगत कराये. तहसील प्रशासन इस दुख की घड़ी में निरन्तर आपके साथ खड़ी रहेगी. बाढ़ खंड के अधिकारी एइ स्थिति को संभालने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. कटान स्थल पर पेड़ों की डालिया,बालू की बोरी व बम्बू क्रेट विधि से कटान की गति को कम करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है.

 

बताते चले कि सिंचाई विभाग की ओर से गोपालनगर टाड़ी में सरयू नदी में हो रहे कटान को रोकने के लिए चार करोड़ रुपये की लागत से जिओ बैग लगाकर कटान रोकने का कार्य पिछले महीने कराया गया था. पिछले दो तीन दिनों से अचानक कटान शुरू हो गई. जगह जगह कटानरोधी कार्य करीब 60 से 90 फीट लंबाई में व 15 से 25फीट चौड़ाई में नदी में समा गया. अचानक कटान शुरू होने से गोपालनगर टाड़ी गांव में अफरातफरी मच गई. वहीं गोपालनगर ताड़ी गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि कटानरोधी कार्य काफी घटिया स्तर से कराया गया. इस कटान को रोकने के कार्यो में काफी लूटपाट की गयी है. कटान स्थल पर जियो बैग में बालू भरकर उसे डालना था परंतु अधिकारियो की मिली भगत से ठेकेदारों द्वारा मजदूरों से बालू की जगह जियो बैग में मिट्टी भरकर बेख़ौफ आनन फानन में फेंका जा रहा है जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश बना हुआ है. टाड़ी निवासी रामधनी यादव, मुन्ना यादव, रविन्द्र यादव, मनोज यादव सहित दर्जनों लोग अपना घर तोड कर उस मलबे को किसी दूसरे स्थान पर जाने को मजबूर है. उन्होंने बताया कि घाघरा के इस कटान से गांव वालों का करोड़ों रुपये का नुकसान है वही गांव के मैनेजर यादव, सुरेंद्र यादव, श्रीराम यादव, नरेंद्र यादव, विनोद यादव, सुरेश यादव, श्रीभगवान यादव, राजनरायन यादव सहित 60 परिवारों को घर अंततः नदी में समाने की स्थिति पैदा हो गयी है.

 

गांव वालों का कहना है कि कटान के जद में आए लोगों को सरकार सुरक्षित स्थानों पर बसाये. अब तक लगभग सैकड़ो परिवार किसी दूसरे जगह पर जाकर झुग्गी झोपड़ी में रह रहे हैं इन लोगों के लिए अब तक सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है जिससे सरकार के प्रति गांव वालो में काफी आक्रोश है. गांव के प्रधान प्रदीप यादव का कहना है कि घाघरा से हो रहे कटान का सरकार कोई स्थायी निदान करें जिससे हमारे ग्राम सभा के लोगों की जमीन व घर संसार बना रहे। कटान इसी तरह होता रहा तो हमारे ग्राम सभा की भौगोलिक स्थिति ही बदल जायेगी.

(बैरिया से शशि सिंह की रिपोर्ट)