बलिया के इस स्कूल में शौक से रोटी बनाना सीख रही थीं छात्राएं लेकिन यह बात किसी को हजम नहीं हो रही!

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बेल्थरारोड. सीयर ब्लॉक के शमशुद्दीनपुर गांव स्थित कम्पोजिट विद्यालय में छात्राओ से रोटी बनवाने के मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद स्कूल स्टाफ और अधिकारियों की तरफ से मामले की लीपापोती शुरू हो गई है। छात्राओं का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कह रही हैं कि वह अपनी इच्छा से रोटी बनाने गईं थी क्योंकि वह रोटी बनाना सीखना चाहती थीं.

 

छात्राओं ने यह भी कहा है कि उन्होने यह कार्य सहयोग की भावना से भी किया। बताते चलें कि सोमवार को इन छात्राओं का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें यह मिडडे मील के लिए रोटी बनाती हुई नजर आई थीं. इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने मंगलवार को ही कहा था कि प्राथमिक जांच में पाया गया है कि छात्राएं शौकिया रोटी बना रही थीं.

बहरहाल शिक्षा विभाग की सफाई से स्थानीय ग्रामीण जरा भी इतेफाक नहीं रखते और उनमें इस घटना को लेकर काफी रोष भी है। उनका कहना था कि अगर खंड शिक्षा अधिकारी और छात्राओं के ताजा बयान को सही मान भी लिया जाय कि छात्राएं शौकिया रोटी बना रही थीं और उनमें रोटी बनाना सीखने की ललक थी तो बड़ा सवाल यह है कि छात्राओं को ऐसा करने से रोका क्यों नहीं गया? छात्राएं विद्यालय में पढ़ने-लिखने के लिए आती हैं ना कि रोटी बनाना सीखने। सवाल है कि क्या विद्यालय में पाक कला की भी शिक्षा दी जाने लगी है?

दूसरी तरफ विद्यालय की महिला शिक्षकों समेत प्रधानाध्यापक जयराम प्रसाद ने बताया कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा रसोइयों को हटवाने का दबाव बनाया जा रहा है जिसकी सूचना पूर्व में खन्ड शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी को दी जा चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल की छवि खराब करने की साजिश के तहत रोटी बनाते समय विडियो बनाकर वायरल किया गया है। इतना ही नहीं यह भी कहा कि स्कूल के अध्यापक और सहायिका अध्यापिका को धमकाया जा रहा है जिससे सभी स्कूल परिवार के शिक्षक भयभीत हो गयें है।

उधर खन्ड शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि किसी भी विद्यालय में पठन-पाठन के समय उस स्कूल परिसर में कोई बाहरी व्यक्ति आता है, बिना प्रधानाध्यापक के अनुमति के स्कूल में आता है और स्कूल स्टाफ के लोगों से अभद्र व्यवहार करता है तो ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल के शिक्षकों को धमकी दिए जाने की बात उन्होंने पहली बार सुनी है। उनका कहना था कि इस मामले में प्रधानाध्यापक को पुलिस से शिकायत करनी चाहिए थी, जांच होती और मामला साफ हो जाता। दूसरे विद्यालय में बाहरी व्यक्ति विद्यालय में कैसे आया और उसके लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई हुई?

लोगों के तमाम सवालों के जवाब ना तो प्रधानाध्यापक के पास हैं और ना ही अधिकारियों के पास. बहरहाल शमशुद्दीनपुर के इस कंपोजिट विद्यालय के प्रधानाध्यापक जयराम प्रसाद ने अपने स्कूल परिवार के सुरक्षा के लिए खन्ड शिक्षा अधिकारी को BRC कार्यालय पर तहरीर दी है।

बताते चलें कि छात्राओं से रोटी बनवाने के मामले में प्रधान प्रतिनिधि अशोक यादव ने कहा था कि विद्यालय में 6 रसोइयों की तैनाती है जिनमें से एक का निधन हो गया है। सभी की उम्र 60 वर्ष से अधिक है, ऐसी स्थिति में ज्यादातर छात्र-छात्राओं से ही खाना बनवाया जाता है। सवाल है कि शिक्षा विभाग इन आरोपों का सीधा जवाब क्यों नहीं दे रहा है?

(बेल्थरारोड से उमेश गुप्ता की रिपोर्ट)