धर्म की स्थापना के लिए अवतरित होते हैं भगवान: डॉ.जय गणेश

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

दुबहर, बलिया। दुबहर क्षेत्र के नगवा गांव में आदि ब्रह्म बाबा के स्थान पर चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास विद्याभास्कर स्वामी के कृपापात्र डॉ. जय गणेश चौबे ने बुधवार की देर शाम श्रीकृष्ण जन्म की लीला का मनोहारी वर्णन सामाजिक दूरी तथा कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए किया।

प्रवचन करते हुए स्वामी जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का अवतार जीव को जीव से प्रेम करना सिखाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं के माध्यम से लोगों को मानवता का संदेश दिया।  उनकी लीलाओं के सार को समझने वाला व्यक्ति जीवन में सदैव आनंदित रहता है।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित से शुकदेव जी कहते हैं कि संसार का कल्याण करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं, जब-जब धर्म की हानि होती है, तब तब अधर्म का नाश करने हेतु भगवान का अवतार होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से ही भक्तों का कल्याण हो जाता है। घर में सुख-शांति, धन-संपत्ति की बढ़ोतरी होती है।

उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है।  कहा कि भागवत कथा सुनने से ज्ञान व वैराग्य जागृत होने के साथ-साथ मानव के मन में परमात्मा के प्रति प्रीत का उदय व आचरण शुद्ध होता है। संसार के सभी सुख अस्थाई और क्षणभंगुर होते हैं। किंतु ईश्वर के सानिध्य से प्राप्त होने वाला सुख शाश्वत होता है। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के श्रवण करने मात्र से दैहिक, दैविक और भौतिक ताप से मुक्ति मिल जाती है।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से तारकेश्वर पाठक, मोहनलाल, आदित्य पाठक, गिरधर पाठक, छोटेलाल पाठक, केदारनाथ, राजकिशोर आदि लोग मौजूद रहे।

(दुबहर से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)