आईआईटी की रिपोर्ट मध्य मई तक आ सकती है कोरोना सूनामी, दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा सरकारें क्या तैयारी कर रही हैं

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि जिस किसी ने ऑक्सिजन की आपूर्ति को रोका या रोकने की कोशिश की, उसे टांग देंगे. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने कोविड-19 महामारी के निकट भविष्य में और भयावह होने की आशंका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से सवाल किए. हाई कोर्ट ने आईआईटी की उस रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि 15 मई के आसपास देश में कोरोना की सूनामी आ जाएगी. हाई कोर्ट ने पूछा कि केंद्र और दिल्ली की सरकारें संभावित सूनामी के लिए क्या तैयारियां कर रही हैं?

दिल्ली हाई कोर्ट ने अग्रसेन अस्पताल की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि कोरोना की जो स्थिति है उसे हम भले ही दूसरी लहर कह रहे हैं लेकिन यह लहर नहीं, सूनामी है. आईआईटी की रिपोर्ट का हवाला देकर हाई कोर्ट ने पूछा कि मध्य मई में कोरोना मामलों की सूनामी आने वाली है तो दिल्ली सरकार ने किस तरह के कदम उठाए हैं उसे कंट्रोल करने के लिए कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहाकि आपको मौतों पर नियंत्रण रखना होगा.

बताते चलें कि आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड 10 ससेप्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टेड (पॉजिटिव) ऐंड रिमूव एप्रोच मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 10 लाख तक की वृद्धि हो सकती है. अपने गणितीय मॉडल के आधार पर यह अनुमान लगाया है कि भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर 11 से 15 मई के बीच चरम पर होगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि उस समय देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33 से 35 लाख तक पहुंच सकती है और इसके बाद मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी.