आखिर इतना सख्त फैसला लेने को बाध्य क्यों हुईं मणिमंजरी

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मनियर से लौटकर रविशंकर पांडेय

सोमवार की देर रात मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय की बलिया कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी स्थित आवास पर फांसी लगाकर कर की गई आत्महत्या से जहाँ लोग स्तब्ध हैं, वहीं कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं. पुलिस को मौके से मिले सुसाइड नोट में क्या लिखा है, इसका ठीक ठाक पता नहीं चल पा रहा है. लोगों के लिए यह कौतुहल का विषय बन गया है.

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ईओ की आत्महत्या से लोग स्तब्ध

हालांकि पुलिस तहकीकात में जुटी है. लेकिन यह मौत कई मायने में रहस्यों से घिर गई है. आखिर ईओ ने इतना सख्त कदम क्यों उठाया?

विभागीय सूत्रों की माने तो करोड़ों का टेंडर में काफी घाल-मेल था. उक्त टेंडर के आदेश कार्य के जारी क्रम में मणि मंजरी राय पर काफी दबाव था. इसका ईई ने जवाब दे दिया था कि बिना बोर्ड के प्रस्ताव पारित पर कार्य आदेश जारी नहीं होगा. वजह कि टेंडर के खोलने के उपरांत ईओ अनुपस्थित थीं. उनके द्वारा अभिलेखों पर सिग्नेचर नहीं हुए थे. नगर पंचायत कर्मियों एवं जनप्रतिनिधियों में खींच तान होती रही.

नगर पंचायत मनियर के कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों के बीच खींचतान अमूमन होता रहता रहा है. स्थानीय लोगों की माने तो नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय विकास कार्यो को लेकर काफी चिंतित रहती थीं. लोगों से बातचीत में पता चला कि अक्सर वह तनाव में रहकर काम करती थीं. लोगों से नगर की समस्या पर अक्सर नराजगी जाहिर कर विकास कार्य की गति देने के लिए उत्साहित रहती थी.

सूत्रों के अनुसार बीते 24 जून को जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने करोड़ों की लागत से गौरा बगहीं स्थित बन रहे कान्हा पशु आश्रय स्थल का निरीक्षण किया. लगभग 2 वर्षो से बन रहे पशु आश्रय स्थल के कार्यों में शिथिलता को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की थी. वहीं ईओ व ठेकेदार के मौके पर उपस्थित नहीं होने से जिलाधिकारी नाराज रहे.

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जेम पोर्टल द्वारा मैनुअल 8 टेंडर विगत 25 मई को राज्य वित्त से करीब एक करोड़ रुपये का करवाया गया था तथा 14 वां राज्य वित्त का 5 मैनुअल टेंडर करीब 22 लाख का 25 जून को कराया गया था. मैनुअल टेंडर 22 लाख का कराया गया था. उसमें का 2 कार्य डूडा द्वारा पहले ही टेंडर करा दिया गया था. तथा गोपनीय टेंडर का कार्यादेश जारी नहीं हुआ था.

नगर पंचायत कर्मचारियों में शोक की लहर

मनियर नगर पंचायत की ईओ मणिमंजरी राय की सोमवार को मौत के बाद मंगलवार को खबर मिलते ही नगर पंचायत के कर्मचारियो ने दो मिनट का मौन रख कर शोक जताया. कार्यालय में काम काज नहीं हुआ. वहीं सभासद अमरेन्दर सिह, संजीत सिह, युवा नेता गोपाल जी, धन जी, रविन्दर जी ने गहरा दुःख प्रगट किया. साथ संदिग्ध हालात में हुई इस मौत का न्यायिक जाँच करवाने की मांग की.

मणिमंजरी के पिता ने लगाया गंभीर आरोप

बांसडीह तहसील की मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणिमंजरी राय की मौत पर पिता ने भी गंभीर आरोप लगाया है. अधिकारी के पिता जय ठाकुर राय ने बेटी की हत्या कर कमरे में लटकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने बेटी की हत्या के लिए कई सफेदपोशों की तरफ इशारा भी किया. मीडिया से उन्होंने दो टूक कहा कि वह आत्महत्या कर ही नहीं सकती. पिता जय ठाकुर राय ने कहा कि लगातार मणिमंजरी की परिजनों से बात हो रही थी. किसी तरह के तनाव में नहीं थी.

वहीं, अधिशाषी अधिकारी सेवा संघ ने भी मणिमंजरी की मौत की उच्चस्तरीय जांच कराने की गुजारिश डीएम से करते हुए उन्हें पत्रक सौंपा है. बलिया में सोमवार की शाम तीस वर्षीय अधिकारी की आवास विकास कॉलोनी स्थित किराये के मकान में पंखे से लटकती लाश मिली थी.

गाजीपुर के भांवरकोल की रहने वाली 30 वर्षीय मणिमंजरी राय की तैनाती करीब दो साल पहले मनियर नगर पंचायत के ईओ पद पर हुई थी. रात में घटना की जानकारी परिवार वालों को दे दी गई. परिजन रोते-बिलखते बलिया पहुंचे तो बेटी की हत्या का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बेटी को मारकर लटका दिया गया है.

आखिर ड्राइवर से किस बात पर हुई थीं नाराज

मनियर नगर पंचायत से जुड़े लोगों के अनुसार बीते शनिवार को अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय और उनके चालक के बीच कोई बात हुई थी. वह अपने चालक से काफी नाराज थीं. नगर पंचायत पहुंचते ही उन्होंने अपने चालक को भगा दिया था. नगर पंचायत अध्यक्ष को फोन कर दूसरा चालक बुलाया था.

अधिशाषी अधिकारी मणि मंजरी राय के पिता ने भी यह कहा कि ड्राइवर को हटाने की बात मेरी बेटी ने हमसे की थी. वह चालक राय को मनियर से लगभग चार किलोमीटर दूर छितौनी ग्राम सभा तक छोड़कर लौट गया था. वहां से मणि मंजरी राय अपनी गाड़ी स्वयं ड्राइव करते हुए बलिया स्थित आवास विकास कॉलोनी के अपने मकान में पहुंची थी. इसके बाद वह मनियर नगर पंचायत नहीं गईं और सोमवार की देर रात फांसी लगाकर सुसाइड कर ली.