उपराष्ट्रपति ने ‘बलिया के लाल’ नीरज सिंह चंदन को दिया राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड

  • पुरस्कार वितरण के समय नीरज के परिवार समेत फिल्मी जगत की नामचीन हस्तियां मौजूद रहीं

दुबहड़ : मन में दृढ़ इच्छाशक्ति एवं कुछ कर गुजरने की ललक हो तो वह किसी भी ऊंचाई को छू सकता है. कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. इस कहावत को दुबहड़ क्षेत्र के घोड़हरा बिसेनी डेरा निवासी नीरज सिंह चंदन ने चरितार्थ कर दिखाया है.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में नीरज को सफल आर्ट डायरेक्शन के लिए रजत पुरस्कार से सम्मानित किया.

नीरज सिंह प्रारंभिक शिक्षा बलिया से प्राप्त करने के बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से फाइन आर्ट एंड विजुअल आर्ट फैकेल्टी में डिप्लोमा किया. इसके बाद उन्होंने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट से आर्ट डायरेक्शन एवं प्रोडक्शन डिजाइन में महारत हासिल की. उसके बाद उन्होंने अपने आर्ट्स डायरेक्शन में कई फिल्मों में कार्य किया.

अंततः सार्थक भसीन द्वारा निर्देशित फिल्म ‘एकांत’ में सफल आर्ट डायरेक्शन के लिए स्पेशल जूरी द्वारा अगस्त महीने में ही उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था.
पुरस्कार वितरण के समय नीरज सिंह चंदन के परिवार सहित फिल्मी जगत की नामचीन हस्तियां मौजूद रहीं.

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नीरज के पिता भगवत सिंह आध्यात्मिक विचारों के व्यक्ति हैं. उनकी मां गृहिणी सुनैना देवी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका बेटा राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित होगा. नीरज सिंह चंदन ने दूरभाष पर बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में बलिया का प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है. भविष्य में उनका यह प्रयास रहेगा कि फिल्म इंडस्ट्री में बलिया का भी योगदान रहे.

युवाओं को उनका संदेश है कि उन्हें एक उद्देश्य निर्धारित कर शुरू से ही लगन से उसकी तैयारी की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा नीरज सिंह चंदन को राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे जाने की खबर सुनकर गांव एवं लोगों में खुशी की लहर है.