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- इंजीनियरों को चेताया, जांच में कोई दोषी मिला तो जाएंगे जेल
- लेटलतीफी से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ने के साथ लोगों को हुई असुविधा
बलिया : शहर में निर्माणाधीन सीवर प्रोजेक्ट की प्रगति पर जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने भी अब नजर दौड़ा दी है. उन्होंने दौरा कर इसका जायजा लिया. एनसीसी तिराहे से लेकर मिड्ढी और काजीपुरा तक पैदल चलकर अधिकारियों से अंदर बिछाई गयी पाइप की जानकारी ली.
कलेक्ट्रेट और बेदुवा में बने इंटेक पावर स्टेशन को भी देखा. मिड्ढी—काजीपुरा के बीच आधी लम्बाई में पाईप नहीं बिछी होने पर डीएम के सवाल पर अधिकारी चुप लगा गए. डीएम ने इसकी वजह स्पष्ट करने के लिए कहा.
परियोजना से जुड़े कुछ अन्य सवालों का भी उत्तर गोलमटोल देने पर डीएम ने इंजीनियर को फटकार लगाई. कार्य की एमबी कैसे और कितनी लंबाई तक तैयार हुई, यह भी देखा जाएगा.
लेटलतीफी से प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ती गयी और जनता को असुविधा भी हुई. परियोजना की जांच में दोषी का जेल जाना तय है.
जीपीआर सर्वे की टीम बुलाने का निर्देश
डीएम ने जल निगम के अधिकारियों से कहा कि एक हफ्ते में जीपीआर (ग्राउंड पेनेटरेटिंग रडार) सिस्टम की टीम भी मंगाने का प्रयास करें. जीपीआर सर्वें के जरिए बिना खुदाई किए पाइप लाइन कहां बिछी है और कहां नहीं, इसको आसानी से देखा जा सकता है. खुदाई टीम के साथ जीपीआर सर्वे की भी टीम आ जाए.
मिड्ढी चौराहे से काजीपुरा तक किया पैदल भ्रमण
जल निगम के अधिकारियों की निशानदेही पर डीएम ने मिड्ढी चौराहे से काजीपुरा तक पैदल भ्रमण किया। इस रोड में 300 मीटर तक पाईप नहीं डालने की बात कही गयी. डीएम ने इसका कारण पूछा तो इसका जवाब जल निगम के किसी अधिकारी के पास नहीं था.
एक्सईएन और अन्य इंजीनियरों को फटकार लगाते हुए कहा कि सिर्फ ऑफिस में बैठकर काम नहीं कराएं, बल्कि मौके पर जाकर भी प्रोजेक्ट की निगरानी करें,