गंगा हरीतिमा के अंतर्गत जिले के 78 ग्राम पंचायतों का होगा विकास

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वन जंतु एवं पर्यावरण के प्रमुख सचिव श्रीमती रेणुका कुमार ने ली बैठक
बलिया। वन बिहार जीराबस्ती स्थित सभागार में गंगा हरीतिमा एवं महा अभियान बैठक एवं कार्यशाला शुक्रवार को रेणुका कुमार प्रमुख सचिव वन जंतु एवं पर्यावरण उप्र सरकार की अध्यक्षता में आयोजित की गयी.
इस मौके पर प्रमुख सचिव वन जंतु एवं पर्यावरण द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री द्वारा गंगा के किनारे हरीतिमा प्रदान करने के उद्देश्य से तीन स्कीम चलाया जा रहा है. मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना, मुख्यमंत्री वृक्षधन योजना एवं मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना जिसमें से मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना वन विभाग द्वारा मनरेगा के सहयोग से तथा मुख्यमंत्री वृक्षधन योजना व मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना कृषकों के मेड़ एवं खेत में मनरेगा योजना से संचालित किया जाना है.
उक्त योजना हेतु राधाकृष्ण दूबे द्वारा गंगा के किनारें पद यात्रा भी किया जा रहा है, जिनका उद्देश्य कृषकों को जागरूक कर अधिक से अधिक वृक्ष लगवाना तथा गंगा के सफाई के प्रति संवेदनशीलता उत्पन्न कराना है. इसके लिए उनके द्वारा वृक्ष वन/वृक्ष भिक्षाटन ही किया जा रहा है. जिसमें ग्रामवार कृषकों को वृक्ष लगाने एवं सुरक्षा का संकल्प भी दिलवाया जा रहा है, जिसमें वन विभाग को उनकी मांग के अनुसार पौध उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी का वादा भी कराया जा रहा है.
गंगा के किनारे एक किमी चैड़ी पटरी पर दोनों ओर हरियाली लाने की उप्र सरकार की योजना है. एक किमी की पटरी में जिन किसानों की भूमि है वे औषधीय पौधों जैसे खस, लेमन ग्रास आदि की खेती कर आय को बढ़ा सकते है. औषधीय खेती से किसानों की आय दो गुनी हो जायेगी, जिससे किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होगा. सरकार की योजना के अंतर्गत गंगा के किनारे स्थित कुल 27 जनपदों के 1654 ग्रामों का समग्र विकास किया जाना है. बलिया जनपद के कुल 78 ग्राम सभा गंगा के किनारे एक किमी की क्षेत्र में अवस्थित है, जिनका समग्र विकास किया जायेगा.
बैठक में किसानों व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा गंगा के किनारे खुले में शौच करने व गंदे नालों को गंगा नदी में गिराने के सम्बंध में प्रश्न उठाया गया. इसके सम्बंध में प्रमुख सचिव द्वारा यह बताया गया कि सार्वजनिक स्थलों पर शौच न करके शौचालय का प्रयोग किया जाय. लोगों को खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों व महामारियों के होने वाले दुष्परिणाम को बताकर लोगों को जागृत किया जाय. यह भी बताया जाय कि शौचालय का प्रयोग करने से विभिन्न रोगों से बचा जा सकता है. गोष्ठी में पत्रकारों के साथ स्थानीय संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग कर आयोजन को सफल बनाया गया.