भुड़कुड़ा के जांबाज थाना प्रभारी बिंद कुमार को राष्ट्रपति पुरस्कार

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गाजीपुर। जनपद के भुड़कुड़ा के जांबाज थाना प्रभारी बिंद कुमार को राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया है. यह पुरस्कार लखनऊ में शुक्रवार से शुरू हुए आईपीएस वीक में राज्यपाल राम नाइक के द्वारा उन्हें दिया गया. यह गाजीपुर पुलिस के लिए गौरव की बात है. बिंद कुमार को यह वीरता का पुरस्कार मऊ जनपद  के चिरैयाकोट क्षेत्र में चले घंटों मुठभेड़ के दौरान जान पर खेल कर दो ईनामी अपराधियों को मार गिराने के लिए मिला, तब बिंद कुमार चिरैयाकोट के थानाध्यक्ष थे.

यह मुठभेड़ 18 अप्रैल 2012 को दिनदहाड़े हुई थी. दोनों ईनामी अपराधी पुलिस से बचने की गरज में एक घर में जा छिपे थे. साथ ही वह उस घर के एक मासूम को भी बंधक बना लिए थे, लेकिन पुलिस टीम न सिर्फ उन्हें मौके पर ढेर कर दिया, बल्कि बंधक बने बच्चे को सकुशल बचाने में भी सफल रही थी. उस मुठभेड़ में बिंद कुमार के अलावा मऊ के तत्कालीन अपर पुलिस कप्तान जोगेंद्र कुमार, एसआई शशिभूषण राय तथा एसपी मऊ का गनर अशोक कुमार ने साहसी भूमिका निभाई थी. जबकि उनकी अगुवाई तत्कालीन एसपी मऊ विजय सिंह मीना कर रहे थे. बिंद कुमार के साथ उन लोगों को भी राष्ट्रपति पुरस्कार दिया गया है. मूलतः मीरजापुर के रहने वाले बिंद कुमार सन् 1999 में यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हुए थे. उस मुठभेड़ के बाद उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बनाया गया.

…और यह भी एक इत्तेफाक

वाकई! यह भी एक इत्तेफाक है कि इंस्पेक्टर बिंद कुमार को जिन बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिला है, उनमें एक धीरज सिंह भुड़कुड़ा थानाक्षेत्र के ही मंझनपुर का रहने वाला था और आज बिंद कुमार खुद भुड़कुड़ा के थाना प्रभारी हैं. धीरज सिंह ने अपने भाई आनंद के साथ गांव के ही रहने वाले भाजपा नेता सभाजीत सिंह की छह जुलाई 2007 को सरेआम हत्या कर दी थी. बाद में गाजीपुर जेल की चाहरदीवारी फांद कर दोनों भाई निकले थे. हालांकि आनंद कुछ दिनों बाद पकड़ा गया था और इस वक्त वह मीरजापुर जेल में निरुद्ध है.