रिश्तेदारों की बात मान जाते तो बच सकती थी तीन जानें

शाम तक जब परिजन घर वापस लौटे तो दोनो बहने दहाड़े मार कर रोने लगीं. आयुष का दाह संस्कार बलिया गंगा घाट पर ही कर दिया गया, जबकि सतीश उर्फ बंटी व उनके पुत्र साहिल को घर लाने के बाद गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.

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कदम चौराहे पर अनियंत्रित कार ने पिता-पुत्र समेत तीन की जान ली

साहिल और आयुष देहरादून सैनिक स्कूल के छात्र थे. बनारस में ट्रेन से उतरने के बाद ये बच्चे बस से बलिया पहुंचे थे. उन्हीं दोनों को लेने के लिए सतीश बलिया शहर आए थे. तीखमपुर कॉलोनी से अपने बहनोई की बाइक लेकर वे बच्चों के साथ बैरिया लौट रहे थे.

भुड़कुड़ा के जांबाज थाना प्रभारी बिंद कुमार को राष्ट्रपति पुरस्कार

भुड़कुड़ा के जांबाज थाना प्रभारी बिंद कुमार को राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया है. यह पुरस्कार लखनऊ में शुक्रवार से शुरू हुए आईपीएस वीक में राज्यपाल राम नाइक के द्वारा उन्हें दिया गया. यह गाजीपुर पुलिस के लिए गौरव की बात है.