श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति ने भावविभोर किया

बलिया। महर्षि विश्वामित्र की साधनास्थली एवं पौराणिक भूमी बक्सर जनपद के ब्रह्मपुर प्रखंड स्थित उधुरा के श्री राम मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ में आचार्य प्रेम शंकर जी एवं अरविन्द पाण्डेय की देख रेख में व्यास पीठ का पूजन काशी नाथ पाण्डेय के द्वारा किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ भजन गायक प्रमोद के राम नाम अति मीठा, कोइ गा के देख ले… एवं राम का नाम लेकर जो मर जायेंगे, वो अमर नाम दुनिया में कर जायेंगे. जब भजन गायक ने एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा. अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो, एक प्रेम दिवानी एक दरस की दिवानी…. सुनाया तो सभी श्रोता झूमने पर विवश हो गए.

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कार्यक्रम का कुशल संचालन शिक्षक राजेश राय के द्वारा किया गया. इस संगीतमय श्रीमद् भागवत् कथा में तबला पर गोल्डू तिवारी, बैंजू पर शिव मंगल यादव, हारमोनियम प्रमोद एवम आर्गन पर नरेन्द्र ने संगत किया. व्यास पीठ से मानस मर्मज्ञ भागवत् वेत्ता श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री शिवराम दास जी फलहारी बाबा ने समापन दिवस पर अपने मुखारबिंद से ज्ञान भक्ति एवं वैराग्य रूपी कथामृत की वर्षा करते हुए उपस्थित लोगों को श्री कृष्ण सुदामा का प्रसंग विस्तार से सुनाया. इस प्रसंग को सुनकर कथा में उपस्थित सभी श्रोताओं के नयन सजल हो उठे. कथा मंच से जब भजन अरे द्वार पालों कन्हैया से कह दो, कि दर पे सुदामा गरीब आ गया है…. की प्रस्तुती हुई तो सभी श्रोता भाव विभोर हो गये.

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इस अवसर पर श्रीकृष्ण राधा की बहुत ही सुन्दर झांकी भी प्रस्तुत की गयी. राधा कृष्ण की फूल की होली का बहुत ही शानदार ढंग से प्रस्तुत की गयी. दोपहर में रामार्चा पूजन का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम के अंत में सभी वादक, आचार्य,  सन्त का महामण्डलेश्वर श्री शिवराम दास जी के द्वारा माल्यार्पण अंग वस्त्रम और  स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया. सभी कार्यकर्ताओं को भी व्यास पीठ से आशीर्वाद के साथ स्मृति चिन्ह भेंट किया गया. समापन दिवस पर कार्यक्रम स्थल पर लोगों की भारी भीड़ उपस्थित रही. इस अवसर पर महामण्डलेश्वर श्री अखंडानन्द जी महाराज, श्री भरत दास जी, महन्त श्री राम मंदिर उधुरा, पुजारी जगदीश दास, राम दास पुजारी अयोध्या, सत्येंद्र दास अयोध्या, ओम प्रकाश दास, रमेश गोयल,  बंसल जी, पुलकी सिंह मुखिया, समेत हजारों की संख्या में पुरूष एवं महिला श्रोता उपस्थित रही.

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