“गेहूं, जौ जवानी में जुल्फी हिलावे..”जीयरा कचोटेला उचटेला मनवा..

दुबहर, बलिया. परंपराओं को सहेजने के लिए किसी के पास फुर्सत ही नहीं है. युवाओं पर पश्चिमी परंपरा हावी हो चुकी है. रही- सही कसर आधुनिक लोक गायकों ने पूरी कर दी है.

बीएचयू प्रकरण : ज्ञानी से सिर्फ ज्ञान लीजिए , उसके मजहब पर मत जाइए

बनारस में विश्वविद्यालय की स्थापना करके मदन मोहन मालवीय ने सोचा भी नहीं होगा कि मजहब के आधार पर इस तरह विश्वविद्यालय में विवाद पैदा किया जाएगा

संभवतः जोड़ने की आवश्यकता आज कम हो गयी है

जब हिन्दी के पक्ष में हिन्दी भाषी भारतीयों से अधिक तत्परता दक्षिण के गैर हिन्दी भाषी लोगों में थी.संभवतः इसकी वजह हिन्दी की वह लोकप्रियता और लोगों को जोडने की क्षमता थी, जो उन दिनों की एक बडी आवश्यकता थी. संभवतः यह आवश्यकता आज कम हो गयी है.

भोजपुरी केवल भाषा नहीं, उन्नत संस्कार भी है – उदय बहादुर सिंह

प्रगतिशील भोजपुरी समाज के सदस्यों की एक बैठक स्थानीय कृपाजल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में हुई. इसमें वक्ताओं ने कहा कि भोजपुरी केवल मातृभाषा ही नहीं, इसमें उन्नत संस्कार भी पड़े हैं.