शिक्षकों के पदोन्नति में आरक्षण का अड़ंगा

बलिया में 368 शिक्षकों की पदोन्नति बाधित
बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। उच्चतम न्यायालय यह स्पष्ट आदेश दे चुका है कि पदोन्नति में किसी प्रकार का आरक्षण नहीं दिया जाएगा. इसके बावजूद बलिया में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पद पर की गई 368 शिक्षकों की पदोन्नति बाधित है. बलिया ही नहीं, इस प्रकार के मामले प्रदेश के सभी जनपदों में समान है. जुलाई 2015 में प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक के पद पर की गई. पदोन्नत के विरुद्ध प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुसूचित जाति/जनजाति के शिक्षक आरक्षण की मांग को लेकर हाईकोर्ट चले गए.

सभी को 7 जुलाई के हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार

याचिका पर विचार करने के बाद उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दे दिया. इसको लेकर बलिया ही नहीं, प्रदेश के समस्त जनपदों से अनुसूचित जाति/ जनजाति के शिक्षकों ने पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर याचिका दायर कर दी. सामान्य वर्ग के शिक्षकों ने आरक्षण के खिलाफ स्थगन आदेश को समाप्त कर पदोन्नत की मांग की. माननीय उच्च न्यायालय ने बहस के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. 7 जुलाई को हाईकोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है.

सूरज प्रसाद चौहान करेंगे हाईकोर्ट में अगुवाई
इस बीच रविवार को सामान्य वर्ग के पदोन्नति पाए शिक्षकों की बैठक उच्च प्राथमिक विद्यालय डुमरी के प्रधानाध्यापक पारसनाथ पांडेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट परिसर में हुई. निर्णय लिया गया कि हाईकोर्ट में सामान्य वर्ग के शिक्षकों की ओर से पैरवी बालीपुर जमाल उच्च प्राथमिक विद्यालय शिक्षा क्षेत्र रचना के प्रधानाध्यापक सूरज प्रसाद चौहान करेंगे. सभी शिक्षकों को 7 जुलाई को आने वाले हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है. अध्यक्ष श्री पांडेय ने बताया कि 7 जुलाई के बाद हाईकोर्ट के फैसले को देखकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. बैठक में विजय शंकर सिंह, कमल देव राय, शिवा शंकर प्रसाद, सीताराम, भेरुनाथ सिंह, शिव प्रकाश पांडेय, गिरीश नारायण मिश्र आदि ने अपने विचार व्यक्त किए. संचालन तहसीली स्कूल बलिया के प्रधानाध्यापक विजय शंकर सिंह ने किया.

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