Lord Vishwakarma, the worshiper of craftsmen, had a deep connection with Ballia, spent some of his childhood years in Bhrigunagri.

शिल्पकारों के आराध्य भगवान विश्वकर्मा का बलिया से गहरा नाता, बचपन के कुछ वर्ष बिताए थे भृगुनगरी में

विश्वकर्मा पूजा पर विशेष- (17 सितम्बर)
शिल्पकारों के आराध्य भगवान विश्वकर्मा का बलिया से गहरा नाता, बचपन के कुछ वर्ष बिताए थे भृगुनगरी में

महाशिवरात्रि पर विशेष- बलिया नगर के पुराधिपति बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी आज

महाशिवरात्रि पर विशेष

दैत्यराज बलि के बलि याग में स्थापित किया गया था, बाबा बलिश्वर नाथ का शिवलिङ्ग विग्रह जिन्हें अब बाबा बालेश्वरनाथ कहा जाता है
बलिया नगर के पुराधिपति बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी आज
यहां चांदी के अरघे में रजत आवृत्त लिंग विग्रह का दर्शन-स्पर्श पूजन कर भक्त होंगे त्रितापों से मुक्त

‘होली’ प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का त्योहार

पुराणों के अनुसार आदिकाल में हिरण्यकश्यप नामक एक शैतान राजा राज्य करता था जिसे ब्रह्मा द्वारा आशीर्वाद प्राप्त था कि उसे कोई आदमी, जानवर या हथियार नहीं मार सकता. इस वरदान के बाद वह इतना अहंकारी हो गया कि उसने अपने राज्य में भगवान की पूजा करना मना कर दिया एवं स्वयं की पूजा कराने लगा लेकिन किसी घटना ने उसके ही संतान की आंखें खोल दी और उसके पुत्र प्रह्लाद ने उसके आज्ञा का उल्लंघन करना शुरू कर दिया, जिसके कारण हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने के लिए अनेक कुचक्र रचा.