महाशिवरात्रि पर विशेष- बलिया नगर के पुराधिपति बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी आज

महाशिवरात्रि पर विशेष

  1. दैत्यराज बलि के बलि याग में स्थापित किया गया था, बाबा बलिश्वर नाथ का शिवलिङ्ग विग्रह जिन्हें अब बाबा बालेश्वरनाथ कहा जाता है.
  2. बलिया नगर के पुराधिपति बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी आज
  3. यहां चांदी के अरघे में रजत आवृत्त लिंग विग्रह का दर्शन-स्पर्श पूजन कर भक्त होंगे त्रितापों से मुक्त

 

बलिया. इस पौराणिक शिवालय के बारे में अध्यात्मतत्ववेत्ता साहित्यकार डाॅ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया कि पौराणिक आख्यानों और श्रुति प्रमाणों के अनुसार इस बालुकामय शिवलिंग का इतिहास दानवीर महाराज बलि के बलियाग से जुड़ा है. दैत्यराज हिरण्यकश्यप के प्रपौत्र, राजा विरोचन के पुत्र राजा बलि भी शैव पंथ को मानने वाले थे. मान्यता है कि बालेश्वर घाट वर्तमान रामाशीष चौक के सामने के दियारा में दैत्यगुरु शुक्राचार्य के सांनिध्य में महाराज बलि ने जो यज्ञ किया था उसमें सर्वप्रथम शिव लिङ्ग विग्रह की स्थापना करके उसका अभिषेक किया गया था. उस समय यह लिङ्ग काफी बड़ा एवं भारी था.
दानवीर राजा बलि द्वारा बनाए मंदिर के गंगा नदी की बाढ़ मे नष्ट हो जाने के बाद बहुत दिनों तक यह बाढ़ के थपेड़ों की बीच उपेक्षित पड़ा घिसता रहा.

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कालांतर में प्रथम एवं द्वितीय बलिया नगर के निवासी चबूतरों पर इस लिङ्ग विग्रह का पूजन-अर्चन करते रहे.
डाॅ. कौशिकेय ने बताया कि वर्तमान बाबा बालेश्वर नाथ के मंदिर का निर्माण सन 1918-19 में बलिया के सुप्रसिद्ध वैश्य परिवार लच्छू भगत, बिशुन राम ने विध्य पर्वत के लाल पत्थरों से करवाया था. उत्कृष्ट प्रस्तर शिल्प का शिखर से लेकर नीचे जमीन तक पत्थरों पर पच्चीकारी करके बना यह शिवालय भी दर्शनीय है. इसमें स्थापित प्राचीन लिङ्ग विग्रह घिसकर मात्र चार-छ: अंगुल चौड़ा रह गया है.

जिले के भक्तों ने चांदी से मढ़वाकर इसे संरक्षित करने का प्रयास किया है. महाशिवरात्रि पर्व पर इस शिवालय और पूरे नगर को भव्य रुप से सजाया गया है, बाबा बालेश्वरनाथ का जलाभिषेक करने के लिये अर्धरात्रि से ही हजारों नर- नारी यहाँ पंक्तिबद्ध हो जाते हैं और पूरे दिन दर्शन करते हैं .इस बीच बाबा की भव्य बारात भी निकलेगी और ठाकुर वाड़ी में रात्रि में विवाह महोत्सव सम्पन्न होगा. इसके अतिरिक्त मंदिर पर अनवरत सांस्कृतिक कार्यक्रम और भण्डारा प्रसाद का वितरण चलेगा.

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