संघर्षों का प्रतीक माना जाता है श्रीराम पाल मुखिया का जीवन

व्यक्ति दूसरों को तभी सम्मान दे सकता है जब वह सम्मानित हो. जिसके अंदर परोपकार और माफ करने की कला है वह साधारण व्यक्ति नहीं है.