आखिरी ओवर में गेंद बाउंड्री पार, कप बैजनाथ छपरा के हवाले

एक माह से चल रहे लोकनाय‍क जयप्रकाश नारायण क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच शुक्रवार को जेपी ट्रस्‍ट के जेपी नारायण ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र के मैदान में खेला गया. फाइनल में सिताबदियारा और बैजनाथछपरा की टीमें आमने सामने थी.

छपरा और बलिया से भी नजदीक हुआ सिताबदियारा से आरा

सिताबदियारा ग्राम से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर बिहार के आरा भोजपुर की सीमा की ही एक पंचायत है खवासपुर. यह आरा के बड़हरा प्रखंड का हिस्‍सा है. इसी के सीध में गंगा नदी के उपर पिछले वर्ष की भांति बन रहा पीपा पुल इस वर्ष मकर संक्रांति के दिन से चालू हो जाएगा. वर्ष में आठ माह चलने वाला यह पीपा पुल क्षेत्रीय लोगों के लिए वरदान स्‍वरूप है.

दो माह चलाकर, बंद कर दी परिवहन निगम की बस

जेपी के गांव सिताबदियारा से पटना तक के लिए अभी हाल ही में परिवहन निगम की बस सेवा चालू की गई थी. यह बस सिताबदियारा ही नहीं, यूपी सीमा के लोगों के लिए भी एक वरदान थी. सभी लोग इस बस सेवा से बेहद खुश थे, तभी बाढ़ आई और यह बस बंद कर दी गई.

भोजपुरी लोकधुन लहरों के राजहंस भिखारी ठाकुर

असीमीत जमीनी जानकारी, सपाट शैली व अलौकिक इल्म ने तब के ‘लोकगायक’ भिखारी ठाकुर को अंतर्राष्ट्रीय उंचाई दी. अति सामान्य इस व्यक्ति की लोक समझ, शोध प्रबंधों का साधन बन गई. भोजपुरी के प्रतीक भिखारी ठाकुर अपनी प्रासंगिक रचनाधर्मिता के कारण भारतीय लोक साहित्य में ही नहीं, सात समुंदर पार मारीशस, फीजी, सूरीनाम जैसे देशों में भी अत्यंत लोकप्रिय हैं.

छठ महापर्व में यहां नहीं है कहीं भी नहाने लायक घाट

जेपी के गांव सिताबदियारा में गंगा और घाघरा दो नदियों का संगम है, किंतु छठ में व्रत धारियों को नहाने लायक घाट कहीं भी सही हाल में नहीं है. यहां विगत चार-पांच वर्षों में कटान ने हर घाट की दशा ही बिगड़ दी है.

नेशनल अवार्ड से सम्मानित होगा जेपी प्रौद्योगिकी केंद्र

स्थानीय जेपी ट्रस्ट द्वारा संचालित जयप्रकाश नारायण ग्रामीण प्रौद्योगिकी केंद्र को खादी और ग्रामोद्योग आयोग (सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम मंत्रालय) भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2014-15 के वेस्‍ट इंस्‍टीटयूशनल ट्रेनिंग सेंटर ऐट नेशनल लेवल अवार्ड के लिए चयनित किया गया है.

राष्ट्रीय जेपी स्मारक से खुलेंगे रोजगार के भी द्वार

जेपी के गांव सिताबदियारा के लाला टोला में 25 जून 2015 को केंद्र सरकार के द्वारा घोषित जेपी राष्ट्रीय स्मारक से रोजगार के भी द्वार खुलेंगे. देश में वह स्मारक एक अहम स्थान रखेगा. यह बातें जयप्रभा फाउंडेशन के अध्यक्ष और भदोही के भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कही. वह सिताबदियारा के लाला टोला में जेपी जयंती के बाद पत्रकारों से विशेष बातचीत कर रहे थे.

अपने गांव-घर में बड़ी शिद्दत से याद किए गए जेपी

आज एक तरफ विजयी दशमी का मेला था, वहीं दूसरी ओर लोकनायक की जयंती. सुबह आठ बजे ही जयप्रकाशनगर की गलियां-जब तक सुरज चांद रहेगा, जेपी तेरा नाम रहेगा, के नारों से गुंज उठी. यहां जेपी ट्रस्‍ट के द्धारा ही संचालित आचार्य नरेंद्र देव बाल विद्या मंदिर के बच्‍चे और शिक्षक शिक्षिकाओं ने प्रभात फेरी निकाल कर जेपी को याद किया.

सिर्फ सियासी फायदे के लिए, याद आते हैं जेपी

आज संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती है. धार्मिक दृष्टिकोण से आज दशहरा भी है. आज ही के दिन राम ने रावण वध किया था. वहीं आज ही दिन 11 अक्‍टूबर को सिताबदियारा की धरती पर एक ऐसे लाल का जन्‍म हुआ, जिसके कारनामों से भारतीय इतिहास आज भी गौरवांतित होता है.

बुढ़ा चला है जनेऊ तोड़ो आंदोलन का चश्मदीद

आज संपूर्ण क्रांति आंदोलन के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्‍य तिथि है. हम एक दिन पूर्व जेपी के पैतृक गांव सिताबदियारा में थे. आज हम बिहार सीमा के अंदर सिताबदियारा के चैन छपरा में स्थित जेपी के उस क्रांति मैदान में भी पहुंचे, जहां 1974 में ही लगभग 10 हजार लोगों ने जेपी के सांथ मिलकर जनेऊ तोड़ो आंदोलन का शंखनाद किया था.

बारिश ने किया दुर्गोत्सव का मजा किरकिरा

जयप्रकाशनगर (बलिया)। स्थानीय ग्राम के दलजीत टोला में दशहरे की इस वर्ष विशेष तैयारी थी. बड़ा पंडाल, विशाल मेला सब कुछ पूरी तरह तैयार था, सुबह आठ बजे मां का पट खुला, लोग दर्शन …

दुर्गा मंत्रों से गूंज उठा जेपी का गांव

दलजीत टोला में वर्ष 1975 से शुरू दुर्गा पूजा का यह 42 वां वर्ष है. सप्‍तमी के दिन जैसे ही मां का पट खुला क्षेत्र भर के श्रद्धालु दर्शन को उमड़ पड़े. इसी दिन 101 दीप भी देवी दरबार में प्रज्‍जवलित किए गए. शेर ए काली क्‍लब द्धारा आयोजित इस पूजनोत्‍सव में इस बार खास आकर्षण पंडाल रहा.

दशहरे की धूम में कहीं गुम न हो जाएं जेपी

लंबे समय बाद इस वर्ष जेपी जयंती के दिन दशहरा है. यह अवसर शायद ही कभी आया हो, जब जेपी जयंती और विजया दशमी एक सांथ दस्‍तक दी हो. जेपी का जन्‍म 11 अक्‍टूबर 1902 को दशहरे के दिन ही हुआ था. इस वर्ष सब कुछ सेम-सेम है. हालांकि सिताबदियारा में अभी तक इसको लेकर कोई हलचल नहीं है.

सब कुछ है, मगर 27 टोले वाला सिताबदियारा नदारद है

जयप्रकाशनगर (बलिया) से लवकुश सिंह आरा, छपरा, बलिया तीन जिलों और यूपी-बिहार दो राज्‍यों में बंटा है लोकनायक जेपी का गांव सिताबदियारा. सिताबदियारे के समाज में 45 साल पहले और आज में काफी बदलाव …

लोकनायक के गांव जवार वाले मामूली इलाज के भी मोहताज

मंगलवार को मुन्ना यादव की तबियत अचानक खराब हो गई. उसके युवा साथी उसे लेकर सिताबदियारा के छोटका बैजू टोला स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर गए. वहां न कोई स्टाफ था, न कोई डॉक्टर. वह युवक पेट दर्द के मारे कराहे जा रहा था. उल्टियां भी हो रही थी. अस्पताल में जब कोई नहीं मिला तो युवक भड़क उठे और वहीं नारेबाजी करने लगे.

दुधिया रोशनी में नहाया लोकनायक जेपी का गांव

प्रधान रूबी सिंह ने संध्‍या प्रहरी लाईट जलाकर इसका उद्घाटन किया. इस गांव के भवन टोला निवासी प्रधान प्रतिनिधि सह सपा नेता सूर्यभान सिंह ने कहा कि जयप्रकाशनगर के इस पंचायत में लगभग 20 हजार की अबादी के बीच यही एक बाजार है, जहां लोग हर दिन सब्‍जी से लेकर डेली यूज की वस्‍तुओं की खरीदारी करते हैं. इस बाजार में शाम होने के बाद हमेशा अंधेरे का साम्राज्‍य था.