अपनी इंद्रियों और आहार व्यवहार को नियंत्रित करना ही सन्यास- जीयर स्वामी

दूसरों के निमित्त किया गया कार्य विशेष फलदाई होता है. मनुष्य को अपनी संस्कृति और संस्कार के अनुसार ही जीवन जीना चाहिए. उक्त बातें महान मनीषी संत श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने भृगु क्षेत्र में जनेश्वर मिश्र सेतु एप्रोच मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत के दौरान बुधवार की देर शाम प्रवचन में कही.