संगीतमय प्रवचन कर श्रद्धालुओं को बताया मुक्ति का मार्ग प्रवचनकर्ता ने

आज सभी अपनी आवश्यकताओं को लेकर भटक रहे हैं, समाज दूसरे के बारे में नहीं सोच रहा है.स्थिति यह है कि लोग दूसरे के सुख से खुद दुखी हो जा रहे हैं.