The ongoing Shrimad Bhagwat week ended in Ghodhara with bhajan, aarti and havan.

भजन, आरती, हवन के साथ घोड़हरा में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह का हुआ समापन

प्रभु श्री कृष्ण अर्जुन से कहते है- हे अर्जुन ! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं प्रकट होता हूँ.

Tableaux shown of Shri Krishna Rukmani marriage and Sudama character

श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह एवं सुदामा चरित्र की दिखाई गई झांकियां

जनऊपुर में राधेश्याम पांडे के दरवाजे पर 15 नवंबर से चल रहे श्रीमद् भागवत महाज्ञान यज्ञ का समापन भव्य भंडारे के साथ 22 नवंबर को संपन्न हुआ.

Bhandara will be organized on Wednesday

बुधवार को होगा भंडारा का आयोजन

कथा के छठवें दिन सोमवार को व्यास पीठ से बताया गया की सुखदेव महाराज द्वारा परीक्षित को भागवत कथा का श्रवण कराया गया था. छठवें दिन के कथा में व्यास जी द्वारा कृष्ण भगवान द्वारा किए गए उद्धारों की चर्चा किया.

श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह का हुआ सजीव मंचन

श्रीमन्नारायण की कृपा के लिए भक्ति की नितांत आवश्यकता-वासुदेवाचार्य
श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह का हुआ सजीव मंचन
बलिया. जगत नियंता भगवान श्रीमन्नारायण समस्त जगत का पालन व उद्धार करते हैं. संसार को उत्पन्न करना, उसका पालन करना, उसे समेट लेना ही भगवान का काम है.

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अच्छे बुरे कर्मों का फल मनुष्य को भोगना ही पड़ता है -वासुदेवाचार्य

अच्छे बुरे कर्मों का फल मनुष्य को भोगना ही पड़ता है -वासुदेवाचार्य
दुबहर, बलिया. मनुष्य को अपने अच्छे बुरे कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है. अगर आपने किसी को ठगा है तो आपको भी कोई अवश्य ही ठगेगा.

भव्य कलश यात्रा से श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का हुआ शुभारंभ

जल्पा मंदिर से प्रारंभ हुई इस कलश यात्रा में शामिल महिलाओं व कन्याओं ने सिर पर कलश रख कर पूरे नगर की परिक्रमा किया. नगर भ्रमण के बाद ठाकुर जी प्रांगण स्थित कथास्थल पर कलश को स्थापित कर यात्रा का समापन किया गया.