श्रद्धांजलि मंच पर छाया रहा ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’

आज भी करोड़ों आदिवासियों के पास जन्म संबंधी कोई प्रमाण पत्र नहीं है. भारत के सभी राज्यो मे हर चौथे पांचवे व्यक्ति के पूर्वज रोजगार की तलाश में आए थे.