अमर शहीद मंगल पांडे की जयंती धूमधाम से मनाई गई

अमर शहीद मंगल पांडे की जयंती धूमधाम से मनाई गई

ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ जनपद बलिया के तत्वावधान में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद मंगल पांडे की जयंती संगठन के जिला कार्यालय पर धूमधाम से मनाई गई.

The audience's eyes filled with tears after seeing Dasharatha's funeral - Ramlila has been happening in Nagwa for 101 years.

दशरथ मरण की लीला देख दर्शकों की भर आई आंखें- 101 वर्ष से हो रही है नगवा में रामलीला

राम को न देखकर राजा दशरथ हाय-राम, हाय-राम कहते हुए अपना प्राण त्याग देते हैं. इसके उपरांत गुरु वशिष्ट के निर्देशानुसार भरत, शत्रुघ्न ननिहाल से बुलाए जाते हैं.

Ballia Live Special: Nagwan's Ramlila - clash of two superpowers stopped by Namrata missile

बलिया लाइव स्पेशल: नगवां की रामलीला-दो महाशक्तियों के टकराव को नम्रता मिसाइल ने रोका

रावण के पहुंचते ही आकाशवाणी हुई, अरे लंकेश तुम्हारे कुंभिनिसी कन्या का दानव अपहरण कर लिया है. यह सुन रावण वहां से चला गया.

Ramlila in village Nagwa of first martyr Mangal Pandey from 1st November

प्रथम शहीद मंगल पांडे के गांव नगवा में रामलीला पहली नवंबर से

आदर्श रामलीला कमेटी के रंग मंच पर पहली नवंबर से रामलीला कराने का निर्णय लिया गया.

Mother of martyr RK Yadav in Uri said, my family is going through financial crisis.

उरी में शहीद आरके यादव की मां बोली आर्थिक तंगी से गुजर रहा मेरा परिवार

उरी में शहीद आरके यादव की मां बोली आर्थिक तंगी से गुजर रहा मेरा परिवार
पैत्रृक गांव दुबहर में रिटायर्ड सैनिकों एवं स्थानीय नागरिकों ने शहीद को शहादत दिवस पर दी श्रद्धांजलि

दुबहर, बलिया. अपने जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने में बलिया का बहुत बड़ा योगदान है.

बलिया लाइव साक्षात्कार – आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहता है मंगल पांडे के गांव का मेधावी दीपक

बलिया लाइव  साक्षात्कार  – आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहता है मंगल पांडे के गांव का मेधावी दीपक

मेधावी दीपक से सवाल और उसके जवाब.

आजादी के महानायक मंगल पांडे को श्रद्धासुमन अर्पित कर किया याद

नगर पंचायत रेवती के नामित सदस्य भोला ओझा ने कहा कि 30 जनवरी 1831 को नगवा, बलिया में जन्मे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद मंगल पांडेय ने अपने राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए 8 अप्रैल 1857 को हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमकर अपने प्राणों की आहुति दे दी. राष्ट्रभक्ति धारा बहाने और सोए भारत को जगाने वाले मंगल पांडे ने अंग्रेजी साम्राज्य के विरुद्ध आवाज उठाई.