एनडीआरएफ व पीएसी राहत व बचाव कार्य में जुटी

बलिया। जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस के निर्देशन में बाढ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है. एनडीआरएफ की 05 टीमें व 03 फ्लड पीएसी बचाव कार्य में लगी हुई है. बुधवार तक बाढ से प्रभावित गांवों की संख्या 192 तथा प्रभावित जनसंख्या 01 लाख 87 हजार 127 हो गयी है. कुल प्रभावित पशुओं की संख्या 9085 हो गयी है.

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दुबेछपरा में राहत और बचाव में जुटी एनडीआरएफ टीम. (फोटो - रविशंकर मिश्र)
दुबेछपरा में राहत और बचाव में जुटी एनडीआरएफ टीम. (फोटो – रविशंकर मिश्र)

अब तक 40 कुन्तल आटा, 30 कुन्तल चावल, 03 कुन्तल दाल, 03 कुन्तल नमक, 1650 पैकेट माचिस, मोमबत्ती के 2400 पैकेट, 3350  मीटर त्रिपाल, 34645 लंच पैकेट बांटे जा चुके है. इसके अलावा क्लोरिन के 2,29,488 टैबलेट, ओआरएस के 1856 पैकेट वितरित किये गये है. पशु शिविरों की संख्या 68 है और 138 पशुओं का उपचार किया जा चुका है. अब तक 20570 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है.संचालित बाढ़ चैकियों की संख्या 62, राहत शिविरों की संख्या 34, राहत वितरण केंद्रों की संख्या 10, राहत शिविर में शरण लिये लोगों की संख्या 2200 है. अब तक 37485 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. कुल 741 नावें राहत व बचाव कार्य में लगी है. बुधवार तक 41 मेडिकल टीमों को सक्रिय कर दिया गया है और 1628 लोगों का उपचार किया जा चुका है.

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RAVISHANKAR_MISHRAदुबेछपरा में बाढ़ पीड़ितों से मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उन्हें पेट भर भोजन देने में भी खानापूरी की जा रही है. खाने वाले दस लोग हैं और उन्हें चार पूड़ियां और सब्जी मिल रही है. हम पूछते हैं सरकार से क्या यही राहत और बचाव है? आप ढंग से किसी का पेट भी नहीं भर सकते. यह निहायत शर्मनाक हरकत है – रविशंकर मिश्र (निवासी शुभनथहीं, चांदपुर, बैरिया, बलिया)

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