जब आधी रात गए दरोग़ा देवदूत बनकर पहुंचे, बलिया के बच्चे की बचाई जान

बताया जाता है कि वाराणसी के लक्सा थाने में तैनात उप निरीक्षक (दरोगा) मिथिलेश यादव ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब एक बजे उन्होंने एक दोस्त को बीएचयू भेजकर स्लिप मंगाई और आईआईएम लहुराबीर जाकर ब्लड डोनेट कर बच्ची की जान बचाई. मिथिलेश यादव ने कहा कि, मेरे खून से किसी की जिंदगी बच जाए तो जिंदगी मेरी सफल हो जाए. पिता राम चंद्र चौधरी सेना से रिटायर हैं. वे हमेशा दूसरों की मदद की सीख बचपन से हमें देते रहे. दरोगा मिथिलेश सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं. आईएएस 2013-14 एक्जाम में मेंस भी निकाला था. पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं.

कैंसर पर शोध के चलते अमेरिका में छा गए आजमगढ़ के डॉ. महातम सिंह

विदेश में भारत का एक बार फिर डंका बजा है. आजमगढ़ के जहानागंज क्षेत्र के बजह गांव की माटी में जन्मे डॉ. महातम सिंह ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्लोहोम के तहत कैंसर जैसी भयानक बीमारी पर रिसर्च करके जहां भारत की क्षमता का लोहा मनवाया, साथ ही साथ आजमगढ़ समेत पूरे पूर्वांचल का नाम भी रोशन किया.