कृष्णानंद राय हत्याकांड: मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी समेत सभी 5 आरोपी बरी

साल 2005 में भाजपाविधायक कृष्णानन्द राय की हत्या के मामले में 14 साल बाद सीबीआई कोर्ट का फैसला आया है. कोर्ट ने बसपा विधायक मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया.

हर हाल में जीतना है मुहम्दाबाद- मनोज सिन्हा

भाजपा विधायक कृष्णानंद राय का 11वां शहादत दिवस मंगलवार को मुहम्दाबाद के शहीद पार्क में संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया. इस श्रद्धांजलि सभा में रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, बलिया सांसद भरत सिंह, सकलडीहा विधायक सुशील सिंह, फेफना विधायक उपेंद्र तिवारी और गाजीपुर एमएलसी विशाल सिंह चंचल के साथ तमाम बीजेपी के वरिष्ठ नेता मंच पर मौजूद रहे.

ग्यारहवीं पुण्यतिथि पर कृष्णानंद राय को भावभीनी श्रद्धांजलि

भांवरकोल ब्लाक के बसनिया स्थित शहीद स्तम्भ पर मंगलवार को भाजपा विधायक स्व. कृष्णानंद राय एवं उनके छह साथियों की ग्यारहवीं पुण्यतिथि पर भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. बसनिया स्थित शहीद स्तम्भ पर स्व. कृष्णा नन्द राय पूर्व विधायक की पत्नी अलका राय (पूर्व विधायक) मुहम्मदाबाद ने सर्व प्रथम शहीद स्तम्भ पर दीप प्रज्जवलित एवं पुष्पांजलि अर्पित कर अश्रु पुरित नयनों से उन्हें एवं उनके साथ सभी साथियों को श्रद्धा सुमन भेंट किया.

दलीय सीमाएं टूट जाती हैं कृष्णानंद राय के शहादत दिवस पर

भाजपा विधायक स्व. कृष्णानंद राय की शहादत दिवस पर हर वर्ष दलीय सीमाएं टूट जाती हैं. पिछले वर्ष सपा नेता एवं पठान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैदर अली खान टाईगर, सपा नेता पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि मुहम्मदाबाद अवधेश राय, बसपा प्रत्याशी विनोद राय सहित कई अन्य दलों के नेताओं ने भी स्व. कृष्णानंद राय में अपनी आस्था जताई थी.

संकल्प दिवस के रूप में मनाएंगे कृष्णानंद का शहादत दिवस

पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के 29 नवंबर को शहादत दिवस की सारी तैयारियों को सोमवार की शाम अंतिम रूप दिया गया. कार्यक्रम शहीद पार्क में सुबह 11 बजे होगा. उसमें रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा मुख्य वक्ता होंगे. उनके आने की अधिकृत सूचना भी मिल गई है.

बडे गौर से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गये दास्तां कहते कहते

स्व. कृष्णा नन्द राय के शहादत दिवस पर 29 नवम्बर को, श्रद्धांजलि देने के लिए जुटेंगे दिग्गज. बडे गौर से सुन रहा था जमाना, तुम्ही सो गये दास्तां कहते कहते. 29 नवम्बर 2005 का वह मनहूस काला दिन जिसे आज भी मुहम्मदाबाद विधान सभा क्षेत्र समेत पूरे पूर्वांचल उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग नहीं भूल पाये हैं.