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शिक्षा मंथन 2023 कानपुर में जेएनसीयू के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने की सहभागिता
बलिया. उत्तर प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं प्राध्यापकों के प्रतिनिधि मंडल का एक विशेष सम्मेलन छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में ‘शिक्षा मंथन 2023’ के नाम से 8 एवं 9 जुलाई को आयोजित हो रही है.
जे एन सी यू के कुलपति ने परीक्षा केंद्रों का किया औचक निरीक्षण
विश्वविद्यालय परीक्षा को लगने लगी नकल की आंच
बलिया. जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने बुधवार (24 मई) को विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा के परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया और परीक्षा की शुचिता बनाए रखने को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किया.
शहीद स्मारक स्थल पर राज राजेश्वरी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय,बयालसी पीजी कालेज, राज बहादुर पीजी कॉलेज, सरजू प्रसाद महाविद्यालय,माँ आशा ज्ञानदीप संस्थान सेवईनाला के शिक्षक, विद्यार्थी और राष्ट्रीय सेवा योजना की सेविकाएं बड़ी संख्या में पहुंची थी. कुलपति ने वहां उपस्थित शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में एक संस्कार गर्भ संस्कार भी है. इस संस्कार को आत्मसात करके हम शिशु के अंदर अच्छे संस्कार प्रदान कर सकते हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है. अधिकतर महिलाएं जागरूकता के अभाव में इस पर ध्यान नहीं देती हैं. उनका मानना है कि भ्रूण से शिशु के साथ उसके संस्कार का भी जन्म होता है.
आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के योग एवं नेचुरोपैथ विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर नीरज कुमार पाण्डेय ने आसनों का लाभ बताते हुए कहा कि आजकल भागदौड़ की जिंदगी में व्यक्ति अपने को स्वस्थ नहीं रख पा रहा है. किसी व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य का अर्थ है कि शरीर किसी बीमारी से प्रभावित नहीं है. आसनों के जिक्र करते हुए भ्रामरी प्राणायाम के बारे में बताया कि अगर आप डिप्रेशन से ग्रसित है तो भ्रामरी प्राणायाम इसका रामबाण उपचार है तथा वज्रासन के लाभ बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा आसन है जो भोजन करने के उपरांत किया जाता है.
प्रोफेसर कल्पलता पाण्डेय ने बताया कि मौलिक विचार मातृ भाषा में ही अधिकतर आते हैं और संपर्क भाषा, क्षेत्रीय भाषा आदि शिक्षा के क्षेत्र में भी सर्वोत्तम आगत को प्रोत्साहन देते हैं. भाषा अधिगम के साथ ही संस्कृति के हस्तांतरण का प्रमुख माध्यम है जो छात्र को शिक्षा व संस्कृति से जोड़ भी सकती है व विमुख भी कर सकती है.
देश के स्वतंत्रता में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा. बापू ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनसे शांति से संघर्ष की सीख मिलती है.
प्रो. मौर्य महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को बोल रहीं थीं. उन्होंने कहा कि बापू का मानना था कि शस्त्र इंसान को तो मार सकता है, लेकिन इंसान के विचारों और अच्छे कार्यों को कभी नहीं मार सकता है