हर हाल में जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने की कवायद

बाढ खत्म होने के बाद जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस का पूरा ध्यान अब हर पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने पर है. उन्होंने रविवार को सदर तहसील क्षेत्र में हो रही राहत सामग्री वितरण व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने अधीनस्थों को निर्देष दिया कि गरीब, मजदूर किसानों को वरीयता के आधार पर राहत सामग्री का वितरण होना चाहिए.

राहत बांटने में भी भेदभाव कर रही है सपा – भरत सिंह

केंद्र सरकार की मदद के बावजूद प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाने में नाकाम रही है. सामग्री वितरण में भी समाजवादी पार्टी के लोगों को चिन्हित करके राहत दी जा रही है. यह घोर अन्याय है. ऐसा कहना है जिले के सांसद भरत सिंह का.

रसड़ा विधायक ने ली कोड़रा के बाढ़ पीड़ितों की सुध

रसड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी टोंस नदी की बाढ़ से प्रभावित गांव कोड़रा में विधायक उमा शंकर सिंह ने 116 बाढ़ प्रभावित परिवारों को शिविर लगाकर राहत सामग्री वितरण किया.

बाढ़ राहत से ज्यादा राजनीति की चिंता

बाढ़ की भयंकर तबाही से हजारों लोगों के घर बर्बाद हो गए, पीड़ितों की जिंदगी थम सी गई, वे सड़क पर जीवन बसर करने को मजबूर हैं. वहीं कुछ लोगों के लिए बाढ़ पीड़ितों के बहते आंसू सेल्फी लेने और सोशल मीडिया पर अपनी राजनीति चमकाने का जरिया बन गये है.

चिकित्सा शिविरों में हुआ बाढ़ पीड़ितों का उपचार

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सीबी मिश्र के सौजन्य से रविवार को पाण्डेयपुर ढ़ाला पर होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर लगाया गया. इसी क्रम में चांद दियर बाढ़ विभाग के डाक बंगले में समाजवादी लोहिया वाहिनी की ओर से चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया.

बाढ प्रभावित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव हो-नारद

प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि बाढ पीडितों को राहत सामग्री एवं बाढ्र से प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई, फागिंग, दवा का छिड़काव, क्षतिग्रस्त सडकों की मरम्मत युद्ध स्तर पर किया जाय.

सोहावं में बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री

पूर्वांचल ग्रामीण चेतना समिति राघोपुर ने कारितास इण्डिया के सहयोग से शुक्रवार को बाढ़ पीड़ित 235 परिवारों को सोहांव स्थित मिशन पर भोजन सामग्री के अलावा दैनिक उपभोग की बस्तुएं वितरित किया

बाढ़ राहत से क्यों वंचित है करइल क्षेत्र

गंगा और घाघरा के साथ टोंस की बाढ़ से सबसे ज्यादे प्रभावित होता है. सर्वाधिक बाढ़ का कहर गंगा नदी द्वारा भरौली से लेकर ब्यासी, दुबहर, हल्दी, गायघाट, रामगढ़, लालगंज होते हुए मांझी तक बरपाया जाता है.

अब फिक्र उनकी जो मौत के मुंह में डेरा डाले रहे

जिले में एक अच्छी खासी आबादी ऐसे लोगों की भी है, जो प्रलय का आभास करवा रही आपदा के दौरान भी किसी न किसी वजह से मौत के मुंह में अर्थात टापू में तब्दील हो चुके अपने घर या गांव में डेरा डाले रहे.

बाढ़ पीड़ितों के लिए छह टैंकर संचालित

राहत के लिए 62 बाढ़ चौकियां, 62 राहत शिविर, 45 राहत वितरण केंद्र संचालित है. राहत शिविर में 26,600 लोगों ने शरण लिया है. बुधवार तक 41,535 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. 41 मेडिकल टीमें लगी है और 37,126 लोगों का उपचार किया जा चुका है.

सपा महासचिव ने राहत सामग्री बांटी

सपा के जिला महासचिव मनोज सिह ने बुधवार को गंगा के बाढ व कटान से पीडित शिवपुर कपूर दियर, हृदयपुर व बहुआरा के पीड़ितों में तिरपाल व गुड़ लाई चूड़ा आदि टिकाऊ खाद्यपदार्थो का वितरण किया.

भोजन के पैकेट पहुंचाने में शिक्षकों ने झोंकी ताकत

मंगलवार को भोजन पैकेट से भरे वाहनों को खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार और एडीएम के जिला समन्वयक अजीत पाठक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. दुबहर एवं बेलहरी शिक्षा क्षेत्र में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश सिंह के निर्देशन में भोजन पैकेट बनाने तथा बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.

बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर राहत का मरहम

बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा राहत का मरहम लगाने का अभियान निरंतर चल रहा है. रविवार को बीएसए डॉ. राकेश सिंह भोजन पैकेट, हलवा, ब्रेड, बिस्कुट, टॉफी के साथ मिनरल वाटर की बोतलें बाढ़ से घिरे दर्जनों गांवों में नाव से जाकर वितरित किया

राहत सामग्री का लूटपाट कर रहे हैं दबंग – राजश्री

आरोप लगाया कि कई बाढ़ प्रभावित गांवों जैसे नौबरार, इब्राहिमाबाद, उदयपुरा बेलहरी, चांदपुर, शिवपुर नम्बरी, शिवपुर दियर, जवहीं कंसपुर आदि गांवों में जो थोड़ी बहुत राहत पहुंच रही है, उससे दलित, गरीब अति पिछड़े वर्ग के लोग वंचित हो रहे हैं क्योंकि क्षेत्रीय दबंगों द्वारा राहत सामग्रियों का बंदरबंाट किया जा रहा है.

एनडीआरएफ व पीएसी राहत व बचाव कार्य में जुटी

बाढ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है. एनडीआरएफ की 05 टीमें व 03 फ्लड पीएसी बचाव कार्य में लगी हुई है. बुधवार तक बाढ से प्रभावित गांवों की संख्या 192 तथा प्रभावित जनसंख्या 01 लाख 87 हजार 127 हो गयी है. कुल प्रभावित पशुओं की संख्या 9085 हो गयी है.

विस्थापितों की मदद के लिए आगे आईं स्वयंसेवी संस्थाएं

बलिया जिले में बाढ़ की विनाश लीला से द्रवित होकर कई स्वयंसेवी संस्थाएं विस्थापित लोगों की मदद में हाथ बंटाने लगी हैं.