सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के सरनी गांव में रविवार देर रात पारिवारिक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. शराब के नशे में धुत छोटे भाई ने कहासुनी के दौरान बड़े भाई पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
उभांव थाना क्षेत्र के टंगुनिया गांव निवासी रंजीत ठाकुर (30) की गुरुवार सुबह घाघरा नदी में स्नान के दौरान डूबने से मौत हो गई. रंजीत लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट में कार्यरत था और छुट्टी में गांव आया था.
जिला अस्पताल में चिकित्सा क्षेत्र की एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है. यहां पहली बार Orthoscopic ACL Reconstruction Surgery (ऑर्थोस्कोपिक एसीएल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी) सफलतापूर्वक की गई है.
लक्ष्मणपुर एनएच-31 से सटे सागरपाली–बैरिया–थम्हनपुरा मार्ग पर सोमवार की शाम उस समय दहशत फैल गई जब एक अनियंत्रित डीसीएम वाहन ने तीन अलग-अलग स्थानों पर लोगों को रौंद डाला. इस
भीमपुरा थाना क्षेत्र के सब्दलपुर चट्टी के पास शुक्रवार देर रात करीब एक बजे पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई. आत्मरक्षार्थ की गई जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली एक बदमाश के बाएं
उभांव थाना क्षेत्र के जमुआंव चट्टी पर गुरुवार देर शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक दलित युवक और आरएसएस स्वयंसेवक अभिषेक कुमार पर चार युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया. मामूली बाइक की टक्कर के बाद शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गया.
फेफना थाना क्षेत्र के माल्देपुर गंगा घाट पर बुधवार शाम पारिवारिक विवाद से परेशान होकर युवक ने गंगा नदी में छलांग लगा दी थी. शुक्रवार सुबह महावीर घाट पर उसका शव उतराया हुआ मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
शहर व ग्रामीण इलाकों में पिछले दो दिनों से जारी भीषण गर्मी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं ने लोगों को घरों में कैद कर दिया था। इस बीच गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह हुई हल्की बारिश ने थोड़ी राहत जरूर दी, लेकिन उमस ने लोगों की परेशानियों में कोई
शहर कोतवाली पुलिस ने बीती रात दो अलग-अलग स्थानों पर मुठभेड़ के दौरान दो वांछित बदमाशों को गोली मारकर घायल कर दिया, जबकि उनके तीन साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए. घायल बदमाशों
बलिया जिले के सोनबरसा स्थित 100 शैय्यायुक्त संयुक्त चिकित्सालय से एक बेहद दर्दनाक और शर्मनाक मामला सामने आया है. यहां एक गर्भवती महिला को रात के समय अस्पताल के फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा, क्योंकि मौके पर न तो कोई डॉक्टर था और न