ए भाई, ज़रा देखके चलो, आगे ही नहीं, पीछे भी, दायें ही नहीं बायें भी

द्वाबा : खस्ताहाल है बैरिया विधान सभा क्षेत्र की जीवन रेखा

सदी के सबसे खराब सड़क के होड़ में शामिल हुआ शहीद स्मारक मार्ग

ऐतिहासिक, व्यावसायिक व शैक्षणिक महत्व का है यह मार्ग

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1000 वाहन व विधान सभा क्षेत्र के एक तिहाई आबादी का है इस पर दैनिक आवागमन

जनप्रतिनिधि, ठेकेदार, नौकरशाही और कमीशन के पेंच में उलझ कर विलम्ब का आरोप

बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र 

कहते हैं किसी क्षेत्र के विकास के लिए वहां की सड़कें ही वहां की जीवन रेखा होती हैं. अगर यह कथन  सत्य है, तो निश्चित तौर पर मानने मैं कोई हर्ज नहीं है कि बैरिया विधानसभा क्षेत्र की जीवन रेखा खस्ताहाल है. जी हां, हम बात कर रहे हैं यहां के ऐतिहासिक, सामाजिक, व्यावसायिक, शैक्षणिक व राजनीतिक महत्व वाले शहीद स्मारक मार्ग की. 

कहते हैं किसी क्षेत्र के विकास के लिए वहां की सड़कें ही वहां की जीवन रेखा होती हैं. अगर यह कथन सत्य है, तो निश्चित तौर पर मानने मैं कोई हर्ज नहीं है कि बैरिया विधानसभा क्षेत्र की जीवन रेखा खस्ताहाल है. जी हां, हम बात कर रहे हैं यहां के ऐतिहासिक, सामाजिक, व्यावसायिक, शैक्षणिक व राजनीतिक महत्व वाले शहीद स्मारक मार्ग की.

इस मार्ग के दुर्दशा के लिए जनप्रतिनिधियों को दोषी ठहराया जाए कि नौकरशाहों को या फिर सरकार को लोग समझ नहीं पा रहे हैं. समझ में अगर कुछ आ रहा है तो बस इतना कि इस रास्ते से एक बार गुजर जाए तो बाप-बाप कहना मजबूरी हो जाएगी.

यहां आपको बताते चलें कि यह वही मार्ग है जिस रास्ते सन् 42 में जंगे आजादी की लड़ाई में जाकर यहां के क्रांतिवीर पूर्वज थाने पर संघर्ष किए थे, और आपने प्राणों को मातृभूमि की बलिवेदी पर न्यौछावर किए थे. इसी मार्ग के किनारे उन शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक बना है. इलाके की महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थाएं, बैंक, थाना सब कुछ इसी के किनारे तो स्थित है. हैरत में पड़ेंगे कि बीबी टोला में इस सड़क के किनारे से किसानों की हरी सब्जियां अपने प्रदेश, पड़ोसी प्रदेश और दूर दूर बड़े शहरों तक जाती है.

इस मार्ग पर लगभग 2000 वाहन और बैरिया विधानसभा की लगभग एक तिहाई आबादी का आवागमन नित्य होता है. बलिया के पूर्वी इलाके का सबसे महत्वपूर्ण बाजार रानीगंज बाजार और उसके व्यावसायिक प्रतिष्ठान इसी के किनारे स्थित हैं. आजादी के बाद से इस सड़क को लेकर राजनीति और भाषण बाजियां खूब हुई. कभी कभार सड़क को दुरुस्त भी कराया गया. लोगों की माने तो जितनी बार इसे ठीक कराया गया, उससे कई गुना अधिक बार धन स्वीकृत करा कर बंदरबांट किया गया है. यद्यपि यह जांच का विषय है.

लेकिन बीते सपा के शासन काल में तत्कालीन विधायक जयप्रकाश अंचल के प्रयास से तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने विशेष फंड से 10 करोड़ 98 लाख रुपया स्वीकृत किया. धन आया जिसके अंतर्गत रानीगंज बाजार में सड़क के किनारे नाली, भागड़ नाला पुल आदि का निर्माण होना था. सपा शासनकाल में निर्माण शुरू हुआ. सुरेमनपुर से रानीगंज चौक तक सड़क बनकर तैयार हो गई. तब तक विधानसभा चुनाव आ गया. चुनाव के चलते निर्माण कार्य ठप हो गया. सुरेमनपुर से रानीगंज तक सड़क तो ठीक-ठाक बनी. लेकिन नाली, पुल और पटरियों का काम अधूरा रह गया.

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भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद लोगों की मांग के बाद जैसे तैसे इस सड़क का निर्माण कार्य बीबी टोला से शुरू हुआ. लेकिन मात्र 150 मीटर के लगभग निर्माण के बाद ही इसे अधूरा छोड़ दिया गया है. बीबीटोला में बनी लगभग 150 मीटर सड़क उतनी अच्छी नहीं है, जितनी सुरेमनपुर से रानीगंज तक गुणवत्ता पूर्ण है, कह कर सपा के लोग भाजपा सरकार की कार्यशैली पर तंज करते हैं. बीबीटोला से बैरिया तक लगभग 2 किमी सड़क अधूरी है.

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हालात यह हैं कि इस रास्ते पर जगह जगह बड़े-बड़े खड्ड हो गए हैं. दुपहिया, तिपहिया व चार पहिया वाहनों की बात छोड़ें, पैदल चलना भी इस मार्ग पर जोखिम भरा काम हो गया है. विगत चार पांच महीने से यही कहा जा रहा है कि आगे के लिए धन अवमुक्त नहीं हुआ है. धन मिलेगा तो बनेगा. जबकि बाजार आने जाने वालों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं. रोगियों और गर्भवती महिलाओं को इस मार्ग से ले जाना उनकी जान को जोखिम में डालने जैसा है. लगभग 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके लोगों का कहना है इतनी खराब इस सड़क की दशा पहले कभी नहीं देखी थी. लोग खुले तौर पर इस सड़क की दुर्दशा के पीछे जनप्रतिनिधि, नौकरशाह और कमीशनखोरी का झंझट ही बता रहे हैं.

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दिए है अल्टीमेटम, गणतन्त्र दिवस के बाद होगा आन्दोलन-झलन

इस सड़क को लेकर क्षेत्र के युवा समाजसेवी दुर्ग विजय सिंह झलन उपजिलाधिकारी को प्रतिवेदन दे कर सड़क के तत्काल निर्माण की मांग कर चुके हैं. झलन का कहना है कि गणतंत्र दिवस या उसके एक दिन बाद एक बार फिर से उप जिलाधिकारी को पत्रक देकर सड़क निर्माण की मांग करेंगे. निर्धारित समय के अंतर्गत निर्माण कार्य नहीं शुरू हुआ तो युवा साथियों को लेकर सर्वदलीय बेमियाद धरना, प्रदर्शन, अनशन होगा. एक सवाल के जवाब में झलन ने कहा कि सपा के शासन काल में जब सरकार के खिलाफ कोई बोलता नहीं था, उस दौरान भी मैंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा के सड़क के लिए आंदोलन किया था. तभी उठा जब काम शुरू हुआ. आज भाजपा का शासन है. हमें विश्वास है कि इस दल के भी नौजवान साथी हमारे साथ द्वाबा के इस गौरवपूर्ण मार्ग के लिए संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे, या फिर हमारे अल्टीमेटम से पहले ही सड़क का निर्माण शुरू करना होगा.

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सपा शासन में धन अवमुक्त, काम चला अब मौजूदा सरकार व जनप्रतिनिधि जिम्मेदार- जयप्रकाश अंचल (पूर्व विधायक)

इस बाबत पूर्व विधायक एवं इस सड़क के लिए धन अवमुक्त कराने वाले जयप्रकाश अंचल ने कहा कि एकमात्र भाजपा सरकार ही ऐसी है जो कहेगी वह करेगी नहीं. हमने तो प्रस्ताव रखा, मुख्यमंत्री अखिलेश जी ने अपने निजी कोटे से धन अवमुक्त कर दिया. जब तक हमारी सरकार रही सड़क अच्छी बनी. उसके बाद जो हो रहा है वह तो भाजपा सरकार और उनके जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है. फिर भी हम इसके लिए मांग करेगे कि सड़क शीघ्र बनाकर लोगों को परेशानी से मुक्त किया जाय.

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फरवरी में शुरू होगा काम, नहीं तो अपने वाले रूप में उतरूंगा जनता के साथ सड़क पर- सुरेन्द्र सिंह (विधायक)

इसी बाबत पूछे जाने पर बैरिया विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि इस सड़क के लिए मैंने खुद एक दर्जन बार संबंधित अधिकारियों, सचिव और मंत्री से अनुरोध किया है. आश्वासन मिला है कि फरवरी में सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा. यदि ऐसा नहीं होता है, इसमें विलंब होता है, तो मैं भी अपने उस रूप में आकर संघर्ष के लिए मैदान में उतर जाऊंगा, जिस रूप के लिए यहां कि जनता ने मुझ जैसे साधारण व्यक्ति को विधायक बनाया है. जनता परेशान हो रही है. रास्ता खराब है. यह हमारे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक, शैक्षिक, व्यावसायिक सब से जुड़ा हुआ है. फरवरी तक अगर इस मार्ग पर काम शुरु नहीं होता तो हम भी बैरिया विधानसभा क्षेत्र के जनता के साथ होंगे. चाहे जिस रूप में संघर्ष करना पड़े, करूगा.

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वैसे बैरिया विधानसभा क्षेत्र की इन सड़कों का भी बुरा हाल है

  • सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन-बालक बाबा मठिया मार्ग
  • धतुरी टोला-बचुली साह के डेरा मार्ग
  • दलन छपरा-रामपुर कोड़रहा मार्ग
  • दलन छपरा-कर्ण छपरा मार्ग
  • बालक बाबा के मठिया-गोपाल नगर मार्ग
  • दलन छपरा-बाजिदपुर मार्ग
  • रानीगंज- इब्राहिमाबाद-सोनकी भांट मार्ग
  • दलन छपरा-रामनगर मार्ग
  • श्रीपतिपुर-रामनगर मार्ग
  • सोनबरसा-दलन छपरा मार्ग
  • शिवन टोला- फखरू टोला मार्ग
  • शिवन टोला-रिसाल राय के टोला-बीएसटी बंधा मार्ग
  • एनएच 31-पांडेयपुर मार्ग
  • नौवा बारा-गायघाट मार्ग
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