सिकंदरपुर (बलिया)। मौत किसी को कब और कहां खींच कर अपने पंजे में जकड़ लेगी, इसका आभास किसी को नहीं होता. वह दबे पांव आती है, अपने साथ एक बहाना लाती है और एक जिंदगी अपने पंजों में दबोच कर उस स्थान को पहुंचा देती है, जहां से दोबारा कोई वापस नहीं आता. उसका कृत्य कितना क्रूर और पीड़ादायक होता है. यह तो भुक्तभोगी ही जानते हैं. वैसे ही पीड़ा मुहल्ला डोमनपुरा के शंकर लाल श्रीवास्तव के परिवार को गुरुवार को उस समय मिली, जब उनके 14 वर्षीय पुत्र अमन का पोखरा में डूबकर मौत हो गई.
अमन अपने मां बाप की संतानों में सबसे छोटा था. इसलिए सर्वाधिक प्यारा और दुलारा था. ऐसे प्यारे और दुलारे किशोर का अकस्मात अचानक हमेशा के लिए दूर हो जाना मां-बाप, भाई और बहन के मन को झकझोर कर रख दिया है. पास पड़ोस के लोग भी अमन की मौत से काफी मर्माहत हैं. उधर, अमन के मौत की खबर के बाद से ही मां माधुरी श्रीवास्तव का रोते-रोते बुरा हाल है. यही स्थिति अमन के बड़े भाई और बहनों अंशु, रुपाली, मोनिका व पारुल की भी है. उधर, शुक्रवार को सुबह परिवार वालों ने अमन का अंतिम संस्कार कठौड़ा स्थित श्मशान में कर दिया. जिसमें नाते रिश्तेदार सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.