
बलिया. आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी की टीम ने बुधवार को 30 लाख रुपये गबन के आरोपी रिटायर्ड एडीओ को गाजीपुर से गिरफ्तार कर लिया.
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत 30 लाख रुपये के गबन के आरोपित रिटायर्ड सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) धर्मदेव सिंह यादव निवासी ग्राम शेरपुर कला थाना भांवरकोल को गाजीपुर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया.
सूत्रों के अनुसार साल 2002 से 2005 के बीच जिले में खाद्यान्न वितरण में बड़ी अनियमितता पाई गई थी. गिरफ्तार रिटायर्ड एडीओ धर्मदेव सिंह साल 1995 से विकास खंड मुरली छपरा में नियुक्त थे.
रिटायर्ड एडीओ ने मुरलीछपरा ब्लाक में तैनाती के दौरान गबन किया था. उनके खिलाफ दोकटी थाने में नियम विरूद्ध करीब 14.50 लाख रुपये के खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी और 15.80 लाख रुपये नकद भुगतान करने का केस दर्ज हुआ है.
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अनियमितता में काम के बदले अनाज देना. मजदूरों को खाद्यान्न देने के बजाय कालाबाजार में बेच देना शामिल है.
इसके साथ ही गांव में योजना से मिट्टी, नाली निर्माण, खड़ंजा, पटरी मरम्मत, संपर्क मार्ग, सीसी रोड और पुलिया निर्माण का कार्य होना था. ग्रामीण परिवारों और गरीब बाल श्रमिकों के माता-पिता को खाद्यान्न देने और नकद धनराशि वितरित किया जाना था. अधिकारियों ने पेमेंट ऑर्डर, मास्टर रोल और खाद्यान्न वितरण रजिस्टर में कूट रचना कर मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर करवा लिए. इतना ही नहीं, मस्टर रोल में मजदूरों का फर्जी नाम और पता दर्शाया गया.
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन वाराणसी के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध थाना दोकटी में 2006 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत हुआ है. इसी साल जिले के 14 थानों में 51 मुकदमे पंजीकृत हुए थे, जिसमें छह हजार से अधिक आरोपित हैं.
इस घोटाले में तत्कालीन सीडीओ, जिला पंचायत, ग्राम पंचायत से जुड़े अफसर, 17 बीडीओ, पंचायत सचिव और कोटेदार शामिल हैं.