बैरिया : स्थानीय तहसील परिसर में एसडीएम न्यायालय के सामने बैरिया तहसील बार के अधिवक्ताओं का क्रमिक अनशन-धरना शनिवार को 13 दिन भी जारी रहा. जबकि अधिवक्ताओं का 23 दिनों से न्यायिक कार्यों का बहिष्कार जारी है.
बैरिया के अधिवक्ताओं का आंदोलन पूरे जिले में फैल चुका है. उनके मुताबिक पूरे जिले में आज न्यायिक कार्य ठप रहा.धरना स्थल से बैरिया तहसील बार के पूर्व मंत्री वसंत पांडेय ने कहा कि इस प्रकरण में कल बलिया में उनके संयुक्त बार की मीटिंग हुई.
उन्होंने कहा कि इसमें पूरे जिले में काम बंद करना तय हुआ. क्रिमिनल, सिविल, रेवेन्यू आदि सब आज बंद है. सोमवार को पूरे जनपद में अधिवक्ताओं द्वारा चक्का जाम का भी निर्णय लिया गया है. उनके मुताबिक कानून की साख का सवाल खड़ा हो गया है.
पांडेय ने कहा कि यहां पर कानून को डैमेज किया जा रहा है. इसमें एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस व जनप्रतिनिधि सभी इनवॉल्व है. मामला 392 में मुकदमा दर्ज होने के बाद एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होती है.
उनके मुताबिक कानून यह कहता है कि आईओ तत्काल मौके पर जाकर साक्ष्य इकट्ठा करेगा. यहां न वादी का बयान लिया गया और न ही स्वतंत्र गवाहों का. उन्होंने मामला ही रफा दफा करने की आशंका जतायी.
पांडेय ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे वे सामने आएंगे. तहसील बार के महामंत्री अभय भारती ने सीधे-सीधे एसडीएम पर मामले को मजाक समझने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि क्रमिक अनशन और धरना के आठवें दिन शाम को वह उनलोगों के पास आते हैं और साथ देने की बात करते हैं. क्या उन्हें पता नहीं है कि न्यायालय की अवमानना हुई है. वह क्या साथ दिए ? उनके लिए तो अच्छा हो गया है कि अधिवक्ता बहिष्कार और धरने पर हैं. इस बीच वह खाद बीज की दुकान और गोदामों पर छापे मार रहे हैं.
महामंत्री ने सोमवार को जिला और समस्त तहसीलों पर अधिवक्ता संगठन द्वारा चक्का जाम की बात भी कही. इस अवसर पर देवेन्द्र मिश्र, ओमप्रकाश सिंह, अरुण श्रीवास्तव, राजेंद्र प्रसाद, मिथिलेश सिंह सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने आक्रोश व्यक्त कर निर्णायक लड़ाई की बात कही.