पहली ही बारिश में सहम गए गंगा किनारे वाले, उम्मीदों पर पानी फिरने लगा है

बैरिया (बलिया)। दुबेछपरा गोपालपुर को गंगा के बाढ़ व कटान के कहर से बचाने के लिए हो रहे कार्य से ग्रामीणों को सन्तुष्टि नहीं मिल पा रही है. यूँ तो बांध बना कर इन गावों को सुरक्षित करने का लक्ष्य 30 जून तक ही का था. लेकिन अब तक इसको आधा भी पूरा नहीं किया जा सका है. रही सही कोर कसर और पोल पट्टी ने शुरुआती बरसात मे खोल दी है.

इस पहली बरसात में ही जीओ बैग पर डाली गयी बालू मिट्टी बह निकली. जबकि इसके बाद इस पर बोल्डर डालना था. हालात ऐसे बने है कि ग्रामीण आशंका व्यक्त कर रहे है कि पिछले साल की बाढ़ में 11 करोड रुपये पानी मे बह गए, कहीं इस साल 29 करोड रुपये भी पानी मे न बह जायें. वहीँ तटवर्ती गावों के लोग इस साल भी बाढ़ आने के लक्षण बता रहे हैं और चल रहे कार्य में मजदूरों की कमी, तत्परता का अभाव तथा कार्य मे लूट खसोट के आरोप लगा रहे है. गौरतलब है कि इसी बन्धे के तत्काल निर्माण शुरू कराने की मांग को लेकर बैरिया विधायक सुरेन्द्र सिंह ने चार किमी लम्बी मानव श्रृंखला खड़ी की थी. तब की तटवर्ती गाँव वासियों की जगी उम्मीदें अब निराशा मे बदल रही है.

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