SP विधायक का योगी सरकार पर बैरिया की उपेक्षा का आरोप, कहा – बड़ी आबादी के बेघर होने की आशंका

SP MLA accuses Yogi government of neglecting Baria, said - fear of large population being homeless
This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बैरिया. क्षेत्रीय समाजवादी पार्टी विधायक जयप्रकाश अंचल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर बैरिया विधानसभा की उपेक्षा का आरोप लगाया है. सपा विधायक का कहना है कि यूपी की बीजेपी की सरकार ने बैरिया विधानसभा क्षेत्र के लिए कोई बड़ी कार्ययोजना को मंजूरी नहीं दी है.

रविवार को अपने आवास पर एक प्रेस कांफ्रेंस बुला कर जयप्रकाश अंचल ने कहा कि गंगा और घाघरा का कटान रोकने के लिए किसी ठोस कार्ययोजना के अभाव की वजह से डेढ़ दर्जन से ज्यादा तटवर्ती गांवों के अस्तित्व पर आने वाली बरसात में खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

विधायक की मांग है कि यूपी की बीजेपी सरकार को चाहिये कि एक उच्चस्तरीय कमेटी बना कर कटान प्रभावित गांवों का सर्वे कराये और उसके अनुसार बरसात से पहले कटाव रोधी उपाय कराये.

सपा विधायक अंचल को डर है कि अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाये गये तो इलाके की 50 हजार से भी ज्यादा आबादी एक झटके में बेघर हो सकती है.

विपक्षी दल के विधायक ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जो वस्तुस्थिति है वे शासन को सही जानकारी नहीं दे रहे हैं, बल्कि गलत रिपोर्ट लखनऊ भेज रहे हैं. अगर ये रवैया जारी रहा तो आपदा के समय में समस्याएं कम होने के बजाय और भी विकराल हो सकती हैं.

प्रसाद छपरा, गोपालपुर, उदईछपरा, सुघर छपरा और गंगा पार गांवों नौरंगा, चक्की नौरंगा, भुवाल छपरा, उदई छपरा जैसे गांव कटान के जद में आ चुके हैं – और कहीं कोई कटान रोधी कार्य नही हो रहा हैं. केवल दुबे छपरा में कन्हई ब्रह्म के स्थान पर छोटी सी परियोजना को स्वीकृत कराकर कटान रोधी कार्य कराया जा रहा है जो निश्चित इस साल बरसात के मौसम में नदी के धारा के साथ बह जाएगा. साथ ही, तिलापुर, गोपालनगर टाड़ी, सिवाल मठिया, मानगढ़, चांददियर, इब्राहिमाबाद नौबरार सहित छोटे बड़े एक दर्जन से अधिक गांव कटान के जद में है.

बैरिया MLA अंचल कहते हैं, पिछले विधानसभा सत्र में मैंने बाढ़ और कटान का मामला उठाया था. जल संसाधन मंत्री और मुख्यमंत्री जी को पत्र देकर जरूरी उपाय करने का आग्रह भी किया था. बावजूद इसके सरकार के तरफ से कटान रोकने के लिए कोई बढ़ी सी योजना स्वीकृत नही की गई.