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पीयूष ने अभावों के बीच संघर्षों से लिखी सफलता की इबारत
नरही, बलिया. यूपीएससी की परीक्षा में 428 वी रैंक पा कर पियूष ने घर परिवार के साथ पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है. पीयूष ने यह सफलता अपने चौथी प्रयास में हासिल की है.
सामान्य किसान परिवार में पैदा हुए पीयूष ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव सोहांव के परिषदीय विद्यालय से की. बचपन से मेधावी पीयूष ने पांचवी के बाद नवोदय विद्यालय सिंहाचवर से दसवीं तक की पढ़ाई की.
पढ़ाई के दौरान अवंती फैलोशिप प्रोग्राम के तहत पीयूष जवाहर नवोदय विद्यालय पांडिचेरी चले गए और वही से 12वीं की परीक्षा पास की 12वीं की पढ़ाई के दौरान इसका ध्यान इंजीनियरिंग की तरफ गया और अपने पहले प्रयास में ही उनको आईआईटी कानपुर में दाखिला मिल गया.
सन् 2018 में आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद दिल्ली चले गए और वहीं जाकर उन्होंने सिविल की तैयारियां शुरू कर दी. पीयूष ने अपने करियर में यूपीएससी की परीक्षा चौथी बार दी थी,पहले प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद असफल हो गए थे उसके बाद वह काफी निराश हो गए थे, परंतु हिम्मत नहीं हारे आखिर चौथी बार के प्रयास में उन्होंने यह परीक्षा क्रैक कर दी और ऑल इंडिया 428 रैंक प्राप्त की. दो भाइयों में बड़े पीयूष की बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ वॉलीबॉल खेलने में भी रुचि रही है कॉलेज लेवल पर वह वालीबाल की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग भी कर चुके हैं. अपनी सफलता का श्रेय अपने परिजनों के साथ साथ अपने मामा मामी और मौसा को भी देते हैं उनका कहना है कि सामान्य किसान परिवार में पैदा होने की वजह से जीवन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान उनके ननिहाल पक्ष से उन्हें काफी सपोर्ट मिला जिसकी वजह से वह आज इस मुकाम पर खड़े हैं. उनके पिता ओमप्रकाश राय 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद गांव में ही खेती किसानी करते हैं और उनकी माता मीना देवी एक कुशल घरेलू महिला होने के साथ-साथ अपना सिलाई सेंटर चलाती हैं.
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मीना देवी ने बताया कि पीयूष जब हाई स्कूल में थे तो कहा था कि एक दिन सिलाई कढ़ाई करने वाली का बेटा अफसर बनेगा और पीयूष ने करके दिखा भी दिया है.
(नरही संवाददाता विश्वंभर प्रसाद की रिपोर्ट)