विश्व मलेरिया दिवस पर हुए विविध कार्यक्रम

साफ-सफाई का रखें ध्यान, मलेरिया से करें बचाव
– मलेरिया से हो बचना, तो लार्वा का करें खात्मा बलिया, 25 अप्रैल 2022, सोमवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया. इस वर्ष विश्व मलेरिया दिवस की थीम है “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें”.

इस क्रम में सनबीम स्कूल अगरसंडा में मलेरिया जागरूकता बैठक, मलेरिया पोस्टर, पम्पलेट वितरण, मलेरिया जागरूकता वीडियो प्रस्तुतीकरण स्लोगन, मलेरिया चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गयी, साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय पर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता एवं बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा रैली निकाली गयी। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने दी.

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि गर्मी बढ़ते ही मच्छरों की तादात अचानक से बढ्ने लगती है जो कई प्रकार की संक्रामक बीमारियाँ घर पर लाती है. इन संक्रामक बीमारियों में से एक है मलेरिया जिसका समय रहते इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुये लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है.

इस अवसर पर लोगों को यह सन्देश दिया जाता हैं कि वह अपने घरों व आस-पास पानी को इकट्ठा न होने दें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि सभी मच्छर रुके हुये पानी में अंडे देते हैं. इसलिए रुके हुये पानी के स्थान को भर दें या कुछ बूंद मिट्टी के तेल की डाल दें जिससे मच्छरों के लार्वा नालियों और ठहरे पानी में पनपने ही न पाएं.

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– तुरंत हो जांच, न आए मलेरिया से जीवन पर आंच बीच में दवा न छोड़े.
– लक्षण समाप्त होने पर भी मलेरिया का पूरा इलाज कराएं.
– सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
– स्वच्छता का विशेष ध्यान रखेँ, और पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहने.
– जल भराव न होने दें.
– लार्वा को खाने वाली गम्बुजिया मच्छली को कुओं और तालाबों में डालें.
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 में लगभग 12038 लोगों की स्लाइड बनाई गयी थी. जिसमें पीवी से ग्रसित एक भी मरीज नहीं मिला। और पीएफ़ का भी एक भी मरीज नहीं मिला. जबकि जनवरी 2022 से अब तक 9316 लोगों की स्लाइड बनाई गयी है. जिसमें से पीवी का एक भी मरीज़ नहीं मिला और न ही पीएफ़ का कोई मरीज मिला.
क्या है मलेरिया- मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो एनाफ्लीज मादा मच्छर के काटने से फैलती है. इससे निकलने वाला प्रोटोजोवा प्लाज्मोडियम शरीर के ब्लड के साथ मिलने लगता है जिससे धीरे-धीरे खून की कमी होने लगती है. मलेरिया के कीटाणु दो तरह होते हैं एक तो प्लाज्मोडियम फ़ेल्सीपेरम (पीएफ़) जो कभी-कभी जानलेवा हो सकता है, वहीं दूसरा प्लाज्मोडियम वाईवेक्स (पीवी) यह सामान्य मलेरिया होता है. इन दोनों बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर उचित इलाज तथा चिकित्सकीय सहायता द्वारा ठीक किया जा सकता है. सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरिया का निःशुल्क उपचार किया जाता है.

क्या हैं लक्षण- सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना या जी मचलना, ठंड के साथ कंपकंपी होना और कुछ देर बाद सामान्य हो जाना, कमजोरी और थकान महसूस होना, शरीर में खून की कमी होना, मांसपेशियों में दर्द होना एवं बुखार उतरते समय पसीना आना आदि लक्षण होते हैं.

(बलिया से नवनीत मिश्रा की रिपोर्ट)