वीडियो वायरल होने के बाद राजस्व निरीक्षक निलंबित

बलिया. पैमाइस के नाम पर रिश्वत लेते हुए व अधिक रुपये की मांग करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद बैरिया तहसील के राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश यादव को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही विभागीय कार्यवाही के लिए उप जिलाधिकारी सदर को जांच अधिकारी नामित किया गया है. निलंबन अवधि में राजस्व निरीक्षक कलेक्ट्रेट के भूलेख अनुभाग से सम्बद्ध रहेंगे.

 

बता दें कि विगत 10 जुलाई को यह वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद उप जिलाधिकारी बैरिया आत्रेय मिश्र की रिपोर्ट पर मुख्य राजस्व अधिकारी अनिल कुमार अग्निहोत्री ने निलंबन की कार्रवाई की.

 

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)

 

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

 

एक काश्तकार से पैमाइस करने के लिए बैरिया तहसील के सुरेमनपुर-श्रीनगर क्षेत्र में तैनात राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश यादव द्वारा पांच हजार रुपये रिश्वत लेने का वीडिओ सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बैरिया तहसील में हड़कम्प मच गया था. मामला प्रकाश में आने पर उपजिलाधिकारी बैरिया आत्रेय मिश्र ने राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश यादव को उनके क्षेत्र से हटाकर कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया था,और तहसीलदार शैलेन्द्र कुमार को जांच सौंप कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की थी.

 

बता दें कि ओमप्रकाश यादव ने खरिका गांव के एक किसान से पैमाइस करने के एवज में पांच हजार रुपये रिश्वत मांगा था. गरीब किसान ने किसी तरह 04 हजार 500 रुपये इंतेजाम करके राजस्व निरीक्षक को एक सप्ताह पूर्व दिया था और किसी ने इस लेन-देन का वीडियो बना लिया था. राजस्व निरीक्षक ने पैमाइस का समय दिया था किंतु किसान द्वारा बकाया 500 रुपये समय से पहले राजस्व निरीक्षक के पास नहीं पहुंचाने पर वह पैमाइस करने के लिए न खुद गया न लेखपाल को भेजा.

 

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जिसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया,और इसे मुख्यमंत्री व राजस्वमंत्री के ट्वीटर पर भी भेज दिया गया.

 

पिछले 22 जून को भाजपा महिला मोर्चा की नेता महिमा सिंह ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर उक्त राजस्व निरीक्षक पर भ्रष्टाचार का गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा था कि इस राजस्व निरीक्षक ने रिश्वत वसूले के लिए किसी मुकेश नाम के युवक को अपने साथ रखा है. उक्त शिकायती पत्र जिलाधिकारी कार्यालय से जांच के लिए बैरिया तहसील भेजी गई किन्तु कोई कार्रवाई नही हुई. स्थानीय लोगों का आरोप है कि बैरिया तहसील में तैनात अधिकांश लेखपाल व राजस्व निरीक्षक प्राइवेट आदमी रखे हुए हैं जो उनके लिए रिश्वत वसूलने सहित अन्य कार्य करते हैं.

(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)