ददरी मेला स्पेशल- कत्थक क्वीन सितारा देवी के परिवार के कत्थक नृत्य पर झूम उठे बलियावासी

बलिया. वैदिक प्रभात फाउंडेशन के कार्तिक कल्पवास शिविर में तुलसी विवाह, देवोत्थान एकादशी की महोत्सव पर कत्थक नृत्य संगीत के बनारस घराने के कलाकारों सितारा देवी की पुत्री श्रेयांसी, पौत्री संस्कृति और पौत्र विशाल कृष्णा ने कत्थक की सभी विधाओं को प्रस्तुत किया. महोत्सव का शुभारंभ फाउंडेशन के संस्थापक बद्री विशाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

 

पंडित दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना की शहनाई, पंडित नीरज मिश्र के सितार एवं प्रीतम मिश्र के तबले की युगलबंदी से महोत्सव का आगाज हुआ. इसके बाद बनारस घराने के कलाकारों विशाल कृष्णा, श्रेयांसी और संस्कृति ने कार्तिक महात्म्य पर शिव – शक्ति स्तुति , गंगा स्तुति , श्रीराम बाललीला, मयूर नृत्य आदिअनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किये.

गाटर चौधरी, पीयूष, अभय कुमार, कृष्णा, गौरव, बेली का सहयोग उल्लेखनीय रहा. महोत्सव का संचालन शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने किया. सभी को फाउंडेशन के संस्थापक बद्री विशाल ने सम्मानित किया.

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बनारस घराने के वर्तमान उत्तराधिकारी विशाल कृष्णा ने बताया कि हमारा पूरा खानदान ही नर्तक है, हमारे परदादा आचार्य सुखदेव शर्मा विश्वप्रसिद्ध कत्थक कलाकार थे. इन्होंने ही बनारस घराने की स्थापना किया था. हमारी दादी कत्थक क्वीन सितारा देवी किसी परिचय की मोहताज नहीं है, पूरी दुनिया उन्हें जानती है. वह भृगुक्षेत्र के कार्तिक कल्पवास एवं ददरी मेला में तब आती थीं, जब मैं पैदा भी नहीं हुआ था. उन्होंने मुझे यहाँ का महात्म्य बताया था कि कार्तिक मास में भृगुक्षेत्र का महात्म्य काशी से भी अधिक है. बनारस के रईस घराने वहां कल्पवास करने, ददरी नहाने जाते थे, तब मैं भी जाती थी.
हमारे मन में बहुत लालसा थी कि एकबार यहाँ आऊँ,वह पूरी हो गयी.

 

(बलिया से कृष्णकांत पाठक की रिपोर्ट)

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