इस बार गड़हा महोत्सव की जगह कवि सम्मेलन होगा, यह बात बनी है वजह

सोहांव,बलिया. अखिल भारतीय भोजपुरी विकास सेवा संस्थान से संबद्ध गड़हा विकास मंच द्वारा इस वर्ष 19 दिसम्बर को विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. यह विशाल गड़हा महोत्सव की जगह लेगा जिसमें जुटने वाली भीड़ का अपना एक इतिहास रहा है.

सोमवार की देर रात उत्तर प्रदेश व बिहार की सीमा पर स्थित भरौली कैंप कार्यालय पर मंच की कोर कमेटी की बैठक के बाद  कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए बड़े आयोजनों में जुटने वाली भारी भीड से बचने के लिए सिर्फ कवि सम्मेलन कराने  फैसला लिया गया.

मंच के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध गायक गोपाल राय ने बताया कि भोजपुरी माटी की अस्मिता का बखान करने वाले और उसकी मर्यादा को बढ़ाने वाले कवियों को आमंत्रित कर गड़हा विकास मंच भोजपुरी को संविधान के सातवीं अनुसूची में शामिल कराने का अपना संघर्ष जारी रखेगा .

गड़हा विकास मंच के अध्यक्ष चंद्रमणि राय ने बताया कि संगठन प्रतिवर्ष भोजपुरी भाषा की समृद्धि और सम्मान के लिए विशाल गड़हा महोत्सव का आयोजन करता आया है, विगत दो वर्षों से कोविड महामारी के चलते इस कार्यक्रम में गतिरोध रहा अब भोजपुरी की लड़ाई अपनों के साथ इसी भाषा के कवियों को लेकर एक बड़ा कवि सम्मेलन आयोजित करने का निश्चय किया गया है जिसमें फिर से  माटी की भाषा भोजपुरी के मान सम्मान और अधिकार के लिए आवाज बुलंद किया जाएगा.

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बैठक में गायक सुशील राय, नंद कुमार उपाध्याय, कांमता राय, जितेन्द्र नाथ राय लल्लू, संगठन मंत्री रमेश यादव, रियाजुद्दीन राजू, हरेराम राय, मनीष राय, कमलेश राय, कुंदन राय, कृष्णा नन्द पाण्डेय, अखिलेश राय, सुदामा, चंद्रशेखर राय, अंजनी राय, अजय राय, मुन्ना राय, कृष्णदेव राय, विजय शंकर राय, गोलू राय, आलोक राय, छोटक राय आदि लोग थे, संघ संचालन महासचिव विजेंद्र राय ने किया.

(सोहांव से हरेराम राय की रिपोर्ट)