हुसैनाबाद गांव में लोगों को वैक्सीन लगे बिना मिले वैक्सिनेट होने के मैसेज

बलिया. बलिया जिले के बांसडीह कोतवाली क्षेत्र में फर्जी वैक्सिनेशन किये जाने की घटनाएं उजागर हो रही हैं.  जानकारी के अनुसार लोगों को बिना वैक्सीन लगे ही वैक्सिनेट होने का मैसेज मिल रहे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक टीडी कालेज के छात्र नेता रहे नीरज दुबे ने जिले में फर्जी वेक्सिनेशन होने का खुलासा किया है.

बलिया जिला मुख्यालय से पच्चीस किमी की दूरी पर हुसैनाबाद गांव में कोविड-19 वैक्सीन लगाए बगैर ही वैक्सिनेशन होने के प्रमाणपत्र जारी किये जाने के मामले सामने आए हैं. इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने टेक्नीकल प्रोब्लेम होना कारण बताया है.

बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के हुसैनाबाद गांव में ऐसे अनेक केस होने की सूचना है, जिसमें बिना वैक्सीन लगाए ही वैक्सिनेट होने के प्रमाण पत्र जारी हुए हैं.

हुसैनाबाद गांव की जनसंख्या पंद्रह हजार है. इस गांव के निवासी 34 साल के विनायक चौबे जो हरियाणा के गुड़गांव में नौकरी करते हैं ने पत्रकारों को बताया कि  गुड़गांव में उन्होंने टीके के लिए एप पर रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन वैक्सीन नहीं लगवाई थी.

विनायक पिछले गुरुवार को अपने गांव पहुंचे थे. जब उन्‍हें बताया की दूसरे दिन गांव में कोविड-19 के वैक्सिनेशन के लिए केंप लगने वाला है. जानकारी मिलते ही वह अपने छोटे भाई विमलेश चौबे और बहन प्रियंका चौबे के साथ वैक्सिनेशन सेंटर पर पहुंचे. जहां  अपनी पूरी डिटेल बताने के बाद वे अपनी बारी के लिए रुके रहे. कैंप में बहुत भीड़ थी. इसलिए उस दिन उनकी बारी नहीं आई और वे  शाम को घर लौट आए.

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लेकिन, उसी रात मोबाइल पर करीब 10 बजे उन्हें मैसेज आया कि उनको टीका लग चुका है. उन्होंने  पोर्टल पर वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र देखा. उस पर उनकी ही जानकारी दी गई है, जबकि उन्हें टीका लगा ही नहीं है.

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, इसी तरह गांव की ही रानी दुबे और आरती दुबे को भी बिना वैक्सीन लगे प्रमाणपत्र मिला है.

वहीं रानी दुबे के अनुसार, वह शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी दीदी आरती दुबे और भतीजी प्रगति दुबे के साथ वैक्सीन लगवाने गयी,  जहां उन्होंने आधार कार्ड का नंबर और फोन नंबर लिखवाया और अपनी बारी के लिए शाम पांच बजे तक रुके रहे, लेकिन बारी नहीं आई. फिर वे तीनों वापस लौट आए. लेकिन मोबाइल पर रात को 10 बजे उन्हें तीनों को वैक्सीनेट किये जाने का मैसेज आया. गांव के कई लोगों ने बिना वैक्सिनेशन के फर्जी प्रमाण पत्र मैसेज मिलने की बात स्वीकार की है.

 

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