घाघरा के जलस्तर में कमी लेकिन कृषि जमीन के तेज कटान से किसानों में दहशत

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सिकंदरपुर. खतरे के निशान से ऊपर बह रही घाघरा का तेवर कम होने लगा है. गुरुवार शाम को घाघरा नदी का जलस्तर घटाव पर रहा हालांकि जलस्तर में कमी की दर अभी काफी कम है लेकिन उग्रता कम होना राहत भरी खबर है. अब डीएसपी हेड पर घाघरा 8 सेमीं नीचे खिसक गई है.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार की शाम चार बजे घाघरा का जल स्तर 64.06 मीटर था. जबकि मंगलवार को यह 64.14 मीटर रिकार्ड किया गया था. इस प्रकार नदी का रुख पहले की तुलना में नरम पड़ा है जो धीरे धीरे नीचे खिसक रहा है. हालांकि अब भी नदी लाल निशान से 5 सेमी ऊपर ही बह रही है.
नदी में धीमी गति से घटाव जारी है. बारिश रुकने से उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिन में जलस्तर काफी तेजी से नीचे जाएगा.
पानी घटाने से तटवर्ती इलाकों के लोगों राहत महसूस कर रहे हैं लेकिन कटान का खतरा बरकरार होने से दहशत का कायम है. खासकर खरीद, पुरूषोत्तमपट्टी, कठौड़ा, निपनिया, बसारिखपुर और डुहा विहरा में लहरों की उछाल से कृषि योग्य भूमि कट कर नदी में समाहित होने की आशंका बढ़ गयी है. किसानों की मानें तो पिछले 24 घण्टे में तकरीबन 10 एकड़ भूमि नदी में समाहित हो चुकी है. लहरों की टक्कर और कटान से लगातार खेती योग्य भूमि नदी में समाहित होती जा रही है.


तटवर्ती गांवों के लोग नदी की लहरों से कटान का खतरा बढ़ने की आशंका से खौफजदा हैं. वहीं कहीं कहीं बैकरोलिग से भूमि कटान की जद में आ रही है. यह देख इलाकाई किसानों की नींद उड़ गई है.
उधर, स्थानीय प्रशासन की ओर से तटवर्ती गांवों के लोगों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. साथ ही सभी सातों बाढ़ चौकियों पर नदी की पल-पल निगरानी के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है.
(सिकंदरपुर से संतोष शर्मा की रिपोर्ट)