डीएम अदिति सिंह ने किया रसड़ा तहसील और ब्लॉक ऑफिस का निरीक्षण, कर्मचारियों के सुस्त रवैये पर जताई नाराजगी

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बलिया. जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बुधवार को तहसील रसड़ा का मुआयना किया. इस दौरान वहां की व्यवस्था पर उन्होंने असंतोष जाहिर करते हुए सुधार लाने की चेतावनी दी. निरीक्षण की पूर्व सूचना के बावजूद भी अभिलेख अपडेट नहीं मिलने पर एसडीएम मोतीलाल यादव से कहा कि अधीनस्थों के कार्यों पर हमेशा नजर रखें.

 

 

तहसील में मत्स्य पट्टा के दस्तावेज की बाबत कन्फ्यूजन भरी जानकारी देने पर डीएम ने एसडीएम-तहसीलदार से कहा कि मीटिंग में जो बातें बताई जाती है उसको ध्यान से सुना व समझा जाए. कुछ सर्विस बुक व जीपीएफ पासबुक काफी समय से लम्बित रहने पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी निर्गत करने की बात कही. लिपिकों की तरह लेखपालों की प्रविष्टियों को भी अपडेट रखने के निर्देश दिए.

 

 

डीएम ने निर्देश दिया कि आईजीआरएस व ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के आवेदनों के निस्तारण की जो अवधि तय की है उसमें निस्तारित करा दें. जाति, निवास, आय प्रमाण पत्रों के आवेदनों का निस्तारण में समय-सीमा नहीं देखें, चूंकि उसमें अधिकांश पढ़ाई करने वालों का होता है, लिहाजा उसको जितना जल्दी हो कर दें.

 

 

कागज में ही नहीं, धरातल पर भी हो नीलामी

 

 

जिलाधिकारी ने वसूली की समीक्षा के दौरान दस बड़े बकायेदारों में सबसे पुरानी फ़ाइल निकलवाई. स्टाम्प, विद्युत देय बकाए के दस वर्ष से अधिक समय से हो चुके मामले में कई वर्ष से नीलामी की प्रक्रिया चल रही है, पर अभी तक नहीं हुई. इस पर उन्होंने कहा कि सिर्फ कागजों पर ही नीलामी की प्रक्रिया नहीं हो, बल्कि धरातल पर उतारें. कोऑपरेटिव के बकाए की स्थिति और खराब मिली, जिस पर एडीएम (वित्त राजस्व), सहायक निबन्धक कोऑपरेटिव व एसडीएम को निर्देशित करते हुए कहा कि दो हप्ते से ज्यादा का समय देने के बाद भी शासन के निर्देशानुसार भी कोऑपरेटिव बकाए की वसूली की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई. यह अत्यंत खेदजनक है. सभी बकायों की रिकवरी करने से अपने स्तर से रुचि लेकर कार्य करने का निर्देश दोनों अधिकारियों को दिया है.

 

 

जिलाधिकारी अदिति सिंह ने विकास खण्ड कार्यालय रसड़ा का भी निरीक्षण किया. उन्होंने मनरेगा योजना, निःशुल्क बोरिंग, विद्युत ट्रांसफार्मर व हैंडपम्पों की स्थिति, सहकारिता वसूली से जुड़ी जानकारी लेने के साथ कार्यालय के अभिलेखों को देखा.

 

 

जिलाधिकारी ने कहा कि पेंशन आवेदनों का सत्यापन का कार्य समय से हो जाए. किसी भी आवेदन को अनावश्यक नहीं लटकाया जाए. महिला डेस्क, हैंडपम्प व ट्रांसफार्मर का रजिस्टर बन कर तैयार रहे और वह मेंटेन होता रहे. जब निरीक्षण हो तभी इसकी शुरुआत नहीं हो. उन्होंने कहा कि डीडीओ, पीडी व डीसी मनरेगा भुगतान की की क्रॉस चेकिंग करते रहें. फरवरी माह में महिला मजदूरों की संख्या की जानकारी नहीं दे पाने पर उन्होंने नाराजगी जताई.

 

 

डीएम ने समूह गठन में लक्ष्य के मुकाबले काफी पीछे होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आजीविका मिशन में विशेष रुचि लेकर समूह गठन कर खाता खुलवाने के लिए परिश्रम से कार्य किया जाए. परियोजना निदेशक डीएन दूबे को निर्देश दिया कि पूरे जिले में मिशन के कार्यों की ब्लॉकवार समीक्षा करें. कागज पर गठन का कोई फायदा नहीं होगा. जितना लक्ष्य निर्धारित करें, उतना समूह सक्रिय भी कराना सुनिश्चित कराएं, तभी इस मिशन का उद्देश्य पूरा होगा.

 

 

बस्तौरा व रसूलपुर में पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय की जमीन विवादित होने पर सवाल किया कि जब जमीन का चिन्हांकन किया गया, तब इसे क्यों नहीं देखा गया. एसडीएम व एडीओ पंचायत को सख्त निर्देश दिया कि तत्काल मौके पर जाएं और हर हाल में तीन दिन के अंदर इस मामले को हल कराकर निर्माण शुरू कराएं. निरीक्षण के दौरान सीडीओ प्रवीण वर्मा भी डीएम के साथ थे.

(रसड़ा से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)