बलिया. गोड़ और खरवार जाति के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र नहीं दिए जाने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर अब नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी भी बोले हैं और उन्होंने कहा है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण के लाभ से वंचित करने की साजिश बलिया सहित पूर्वांचल के कई जनपदों में की जा रही है.
रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में बलिया में आरक्षित जनजाति के पदों के लिए संशय की स्थिति पैदा करके सरकार और शासन अपने ही आदेश का सरासर मजाक उड़ा रहा है. एक तरफ आरक्षण सूची जारी कर उसमें जनजाति के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं वहीं गोंड़ व खरवार जाति के लोगों को जनजाति का प्रमाणपत्र ही नहीं जारी किया जा रहा है. अनुसूचित जनजाति की संख्या बलिया जिले में जीरो दिखाई जा रही है, जिससे सरकार द्वारा जारी आरक्षण व्यवस्था मजाक बन गई है.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो बलिया जनपद में गोड़ व खरवार जाति के लोगों को जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया था, जिसका लाभ इन जातियों के लोगों को मिला. पिछले पंचायत चुनाव में गोड़ व खरवार जाति के लोगों ने ग्राम सभाओं के प्रधान, क्षेत्र पंचायतों के सदस्य और प्रमुख के चुनाव में हिस्सा लिया. जिला पंचायत के सदस्य भी निर्वाचित हुए, जिससे इन जातियों के लोग सामाजिक रूप से मुख्यधारा में आए, लेकिन वर्तमान में उन्हें रोक दिया गया है.
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब समाज के सभी वर्ग के लोगों की उसमे सहभागिता होगी. समाज के कमजोर तबके के एक हिस्से को चुनाव से वंचित कर सामाजिक असमानता को बढ़ावा ही दिया जा सकता है. उसे पाटा नहीं जा सकता. सरकार और शासन को तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेकर बलिया में निवास करने वाले गोंड़ एवं खरवार जाति के लोगो के साथ न्याय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिख कर भी अनुरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हर कदम पर गोंड़ एवं खरवार जाति के साथ खड़े हैं.
(बलिया से रविशंकर पांडेय की रिपोर्ट)