सोशल मीडिया की हलचल – मुख्यमंत्री के स्वागत में ‘पत्रकार मुक्त बागी बलिया’ आखिर क्यों?

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बलिया। रविवार सुबह तय समय 11.20 बजे से लगभग एक घंटे देर से कैस्टर ब्रिज स्कूल में उतरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘उड़नखटोला’.

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के कवरेज के लिए मौजूद पत्रकारों को जिला प्रशासन ने अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई. करीब तीन घंटे जिले के दर्जन भर पत्रकार स्कूल गेट के बाहर ही जमे रहे. जिला प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध पत्रकार आग बबूला हो गए और स्कूल गेट के बाहर धरने पर बैठ गए. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. आरोप है कि प्रशासन को भय था कि अगर पत्रकार मुख्यमंत्री के पास पहुंचे तो जिले की बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खुल जाएगी. जिला प्रशासन आंकडों की बाजीगरी कर अपनी पीठ थपथपा रहा है.

श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष अनूप कुमार हेमकर ने कहा कि पहली बार देखने को मिल रहा है, जब प्रदेश के सीएम जनपद में आएं और समाचार संकलन करने से मीडियाकर्मियों को रोक दिया गया.

पत्रकार वेलफेयर सोसायटी के जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को कवरेज करने से रविवार को पत्रकारों को रोकना अनुचित है. यह जिला प्रशासन की कुत्सित मानसिकता का परिचायक है. जिला प्रशासन ने पहले पत्रकारों को बुलाया और उन्हें कार्यक्रम स्थल से बाहर रोके रखा.

मुरादाबाद के बाद बलिया उत्तर प्रदेश में दूसरा जिला है जहां मीडिया को सीएम से दूर रखा गया

मुरादाबाद के बाद यूपी में इस तरह की दूसरी घटना है बलिया में. मुरादाबाद जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान डीएम राकेश कुमार सिंह की मौजूदगी में 20 से अधिक पत्रकारों और छायाकारों को अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में बंद कर दिया गया था. कवरेज से रोके जाने से नाराज पत्रकारों ने हंगामा कर दिया. इसके बाद भी करीब 15 मिनट तक उन्हें कमरे से बाहर नहीं निकलने दिया गया था. मुख्यमंत्री के जाने के बाद दरवाजा खुलने पर पत्रकार बाहर निकल सके. इसे लेकर आक्रोशित मीडियाकर्मियों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई थी.

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सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को पत्रकारों ने रोका तो उन्होंने कहा कि आप लोग जिला प्रशासन के साथ बैठकर तय कर लें कि दिक्कत कहां या क्या है. उसमें यदि हमारी तरफ से सहयोग चाहिए तो मैं जरूर सहयोग करूंगा.

जिलाधिकारी श्रीहरिप्रताप शाही ने कहा कि इसमें उनकी भी कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने मीडिया से मुलाकात के लिए बात की थी, लेकिन बताया गया कि सीएम साहब अपने साथ मीडियाकर्मियों को लेकर चलते हैं, वे किसी से बात नहीं करेंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रविवार को विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन देने जा रहे बलिया के छात्रनेताओं को पुलिस ने धरहरा में रोक दिया. छात्रनेताओं का आरोप है कि सुखपुरा पुलिस ने लाठियां भांजी, जिसमें धनजी यादव और प्रशांत पांडेय घायल हो गए.

छात्रनेताओं को गिरफ्तार कर पुलिस सुखपुरा थाने लाई, जहां छात्रनेता धरने पर बैठ गए. पुलिस की ओर से कोई सुनवाई नहीं किए जाने पर छात्रनेता जिला मुख्यालय चले गए. छात्रनेताओं का कहना है कि वे किसानों की समस्या, छात्रों की शुल्क माफी और जनपद में बढ़ रहे कोरोना मरीजों से जुड़ा ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की. इस मौके पर विशाल यादव, रितेश पांडेय, प्रवीण सिंह, राहुल यादव आदि रहे.

इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन पर नगर का व्यापारी वर्ग भी अपनी पीड़ा को लेकर उपस्थित था. पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम पत्रक जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू को सौंपा. व्यापारियों ने जिला प्रशासन पर कई तरह के आरोप लगाए. व्यापारी संघ की ओर से मंडल के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट प्रदीप कुमार वर्मा, प्रदेश मंत्री मंगल देव चौबे, जिलाध्यक्ष मंजय सिंह, नगर अध्यक्ष रोहित पांडेय आदि ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन कोविड-19 के नाम पर आए दिन व्यापारियों की दुकानें बंद करा रहा है, लेकिन संक्रमण की रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठा रहा है. कोविड-19 को लेकर बंदी से व्यापारी वर्ग पूरी तरह से परेशान है. अस्पताल से लेकर क्वारंटाइन सेंटर पर कोई व्यवस्था नहीं है. प्रशासन केवल डराने का काम कर रहा है. व्यापारियों ने पत्र के माध्यम से पूछा है कि क्या हॉटस्पाट के किसी भी इलाके में होम डिलेवरी की व्यवस्था की गई है? क्या जिस घर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए उस घर को सील किया गया? संदिग्ध व्यक्तियों की जांच हुई? सभी ने मांग की कि व्यापारियों व छोटे उद्यमियों का छह माह का बिजली बिल, छह माह का बैंक ईएमआई, बच्चों की छह माह की स्कूल फीस सरकार माफ करते हुए कर्मचारी को वेतन देने के लिए व्यापारियों को राहत पैकेज दे.