कटान पीड़ितों ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी

  • शासन-प्रशासन के रवैये के खिलाफ बाढ़-कटान पीड़ितों की दुबेछपरा हनुमान मंदिर में महापंचायत

बैरिया : दुबेछपरा रिंग बंधा के टूटने से बेघर हुए इलाके के दर्जनों गांवों के कटान पीड़ितों ने रविवार को दुबेछपरा हनुमान मंदिर में महापंचायत की. उन्होंने कहा कि करोड़ों खर्च करने के बावजूद रिंग बंधे को बचाया नहीं जा सका.

उन्होंने जिला प्रशासन और बाढ़ प्रबंधन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया. बाढ़-कटान पीड़ितों ने घोषणा की कि अगर शासन-प्रशासन ने पीड़ितों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को तेज किया जायेगा.

बताया जाता है कि करीब 39 करोड़ की लागत से पिछले साल बना दुबेछपरा रिंग बंधा गंगा की धारा में बह गया. इससे इलाके की करीब 40 हजार की आबादी मिनट भर में ही बेघर हो गयी. गोपालपुर में 10 मकान और उदई छपरा के 20 मकान गंगा में समाहित हो गये. हालांकि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौके पर तो पहुंचे मगर आश्वासन से ज्यादा कुछ नहीं दिया.

 

 

व्यवस्था के इस रवैये से लोगों में आक्रोश है. महापंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि अगर बाढ़-कटान की समस्या का स्थायी हल नहीं किया गया तो वे लोग आमरण अनशन करेंगे. बाढ़-कटान को रोकने के लिए बाढ़ विभाग की ओर से 8.93 करोड़ का एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है.

पीड़ितों ने कहा कि 39 करोड़ खर्च करने के बाद भी जब बंधे को नहीं बचाया जा सका तो महज 9 करोड़ से क्या होगा. इस बाबत रिंकु तिवारी का कहना है कि बाढ़-कटान के नाम पर अब लूट-खसोट नहीं होने दिया जायेगा.

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महापंचायत में कटान पीड़ित सचिन सिंह ने कहा कि स्थायी व्यवस्था न होने पर वे लोग सड़कों पर उतर जायेंगे. इस दौरान पंकज तिवारी ने जिला प्रशासन के सामने तीन मांगें रखीं. उनमें पहला बंधे का पुनर्निर्माण और दूसरा पक्का बाढ़-कटान निरोधी कार्य करवाया जाये. तीसरी मांग नदी का रास्ता बदला जाये.

रविंद्र मिश्रा का कहना है कि गीता प्रेस द्वारा निर्मित बंधा इतने दिनों तक चलता रहा. जब से सिंचाई विभाग के हवाले हुआ है तब से बंधा तीन बार टूट चुका है.

बैठक में अमित दुबे, राजेंद्र मिश्रा, धनंजय सिंह, पिंटू सिंह, ओंकार तिवारी, तारकेश्वर तिवारी, भोला तिवारी, संतोष प्रसाद, सुनील, नर्वदेश्वर तिवारी, सुनील सिंह, दिवाकर दुबे, अनु दुबे, अमित पाल, संतोष नीलू, भोला तिवारी सहित सैकड़ों कटान पीड़ित मौजूद रहे.