कटान पीड़ितों के आवासीय पट्टा की राजस्व विभाग द्वारा तैयार 153 की सूची में 71 अपात्र

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चौपाल में जब सूची के नाम पढ कर सुनाए गए तो आया सच सामने

विधायक सुरेन्द्र सिंह के सन्देह व संघर्षों की पहली जीत मान रहे जन सामान्य

पूर्व में विधायक के शिकायत पर निलम्बित किए गए थे दो लेखपाल

बैरिया(बलिया)। पुलिस चौकी पर रविवार को चौपाल लगाकर घाघरा कटान से बेघर घूरीटोला व अठगांवां के 82 लोगों के आवासीय पट्टा की जमीन का चिन्हांकन व सीमांकन किया गया. यहां पर जब सार्वजनिक रूप से पूर्व में राजस्व विभाग द्वारा तैयार की गई 153 चयनित लोगों के नाम को सुनाया गया, तो उसमें से 71 नाम अपात्र पाए गए. सूची से उन नामों को तुरंत हटाया गया, तथा उनके स्थान पर नए पात्रों के चयन के लिए विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम के सहयोग के लिए ग्राम प्रधान सहित अठगांवां तथा घूरी टोला के अलग-अलग जातियों के 5 लोगों सहित 6 सदस्य टीम बनाई गई. यह लोग 2 दिन के अंदर वास्तविक पात्रों की सूची विधायक व राजस्व विभाग को सौंपेंगे. जिसका परीक्षण कर राजस्व विभाग शेष 71 लोगों को भी आवासीय पट्टा करते हुए भूमि उपलब्ध करा देगा.

मैं पहले से ही कह रहा था कि घूरीटोला व अठगांवां ही उधर का कटान प्रभावित गांव है. इसके अलावा गैर कटान प्रभावित गांवो के लोगों का नाम रिश्वत लेकर शामिल किया गया है. आज चौपाल में सच सामने आ गया. सूची में के 82 पात्र पाए गए लोगों तथा शेष 71 पात्रों का चयन कर एक सप्ताह के अन्दर उन्हे आवासीय पट्टा व जमीन पर कब्जा दिलाए राजस्व विभाग, अन्यथा कटान पीड़ितों की मदद में किसी भी हद तक जाऊंगा.

                    सुरेन्द्र नाथ सिंह                                  विधायक बैरिया

गौरतलब है कि अठगांवां व घूरी टोला में घाघरा के बाढ़ व कटान से सैकड़ों लोग बेघर होकर बकुल्हां-संसार टोला बांध पर बहुत दिनों से आश्रय लिए हुए हैं. 6 माह पूर्व इन लोगों को आवासीय पट्टा देने की सूची तैयार की गई थी. जिस पर अपात्रों का नाम शामिल करने का आरोप लगाते हुए विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह ने हंगामा खड़ा कर दिया था. विधानसभा में भी सवाल उठाए थे. तब तत्कालीन जिलाधिकारी ने इस मामले में 2 लेखपालों को निलंबित कर दिया था. लेकिन सूची ज्यों की त्यों ठंडे बस्ते में पड़ गई.

एक पखवारा पूर्व कांग्रेस नेता विनोद सिंह ने चांददियर में कटान पीड़ितों को लेकर उनके आवासीय पट्टा की जमीन देने की मांग की, तो तहसीलदार ने तुरंत आवंटन का आश्वासन दिया था. 29 अप्रैल को मौके पर पहुंचकर तहसीलदार शशिकांत मणि अपनी टीम से अभी जब जमीन नपवाना शुरू ही किए थे कि विधायक का फोन घनघना उठा. विधायक ने वहां से तुरंत वापस आने तथा अपात्रों का नाम निकालकर पात्रों का नाम शामिल करते हुए आवंटन की बात कही. तब विधायक ने दावा किया था कि घुरीटोला और अठगांवां ही वास्तविक कटान पीड़ित गांव है. यहीं के लोगों को जमीन मिलनी चाहिए. बाकी सूची में जिन गांवों का नाम उल्लेखित है, वह कटान प्रभावित गांव नहीं है. तब तहसीलदार को उस दिन अपनी टीम लेकर वापस लौटना पड़ा था.
आज रविवार को पुनः चांददियर में चौपाल लगी. जिसमें उप जिलाधिकारी बैरिया राधेश्याम पाठक, तहसीलदार शशिकांत मणि, क्षेत्राधिकारी उमेश कुमार व एसएचओ गगन राज सिंह तथा राजस्व कर्मी उपस्थित हुए. इस चौपाल में विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह भी पहुंचे. यहां सभी कटान पीड़ितों के सामने चयनित 153 लोगों का नाम पढ़कर सुनाया गया. जिसमें अठगांवां व घूरी टोला के 82 लोग ही पात्र मिले. शेष 71 लोग चांददियर, टोला फत्तेराय, ठेकहां, टोला नेकाराय आदि गैर कटान प्रभावित गांव तथा कुछ लोग कटान प्रभावित गांव के होते हुए भी पक्के मकानों के मालिक थे. विधायक ने कहा कि यही तो मेरा आरोप है. वास्तविक पीड़ित को जमीन देना है. इन नामों को रिश्वत लेकर शामिल किया गया है. तुरंत उन 71 लोगों का नाम आवासीय पट्टा सूची से हटाया गया, और उनके स्थान पर नए पात्रों का 2 दिन के अंदर चयन कर सूची तैयार करने के लिए राजस्व विभाग के अलावा छ: सदस्यीय टीम गठित कर दी गई.