कलश यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब, नगर का वातावरण हुआ भक्तिमय

शहर के टाउन हाल में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ

बलिया। शहर के टाउनहाल में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ. बाबा बालेश्वर मन्दिर से कलशपूजन के बाद सैकड़ो महिलाएं हांथों में कलश लिए और सैकड़ो श्रद्धालुओ की भीड़ शहर के सिनेमारोड, चौक, गुदरी बाजार, कासिमबजार होते हुए पंडाल में कलश स्थापना व पोथी पूजाअर्चन के बाद यात्रा समाप्त हुयी.

शोभायात्रा में सैकड़ो भक्त व स्वयंसेवी संगठन, गायत्री पीठ की बहनें व नागाजी मठ के बच्चे बैंड टीम ने भाग लिया. इस्कान की टीम द्वारा हरिदास के भक्तिमय भजनों और बैंड पार्टी द्वारा भक्तिमय संगीत से पूरा मार्ग भक्तिमय बना रहा. शहरवासी जगह जगह फूलों की पंखुड़ियां बरसाकर यात्रा का स्वागत किए. शोभायात्रा के आगे-आगे मुख्य यजमान बैजनाथ गुप्ता सपत्नी माथे पर भागवत जी को रखे चल रहे थे. शोभायात्रा की अगुवाई कथा वाचक पंडित राधेश्याम शास्त्री जी कर रहे थे.

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शाम को श्रोताओं को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करवाते हुए वृंदावन निवासी पंडित राधेश्याम शास्त्री जी ने कहा कि भागवत जी की कथा क्यों सुनी जाती है, और इसको सुनने के बाद क्या लाभ होता है. इसी प्रश्नों का उत्तर भागवत जी की महिमा और महातम कथा का श्रवण कराया. जो पद्मपुराण के 6 अध्यायों में है. जब-जब जीव के जन्म- जन्मांतर का उदय होता है, तब जाकर इस धरती पर कथा का श्रवण करने का सौभाग्य होता है.

इसके श्रवण मात्र से बड़े से बड़े पापी और भूत प्रेत की योनि में भटक रहे आत्माओं का उद्धार होता है. उन्होंने कहा कि भागवत कथा करने अथवा सुनने से न केवल मनुष्य को औलोकिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि हर प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. कथा का आयोजन श्री हरिदास सेवा समिति एवं मस्ती श्री वृंदावन धाम के द्वारा कराया जा रहा है.

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