सुजानीपुर में रसोइया नियुक्ति को लेकर खिंची तलवारें

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

हल्दी (बलिया)। शिक्षा क्षेत्र बेलहरी अन्तर्गत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय सुजानीपुर के ग्राम प्रधान, प्रधानाध्यापक सहित छह सदस्यों की रसोइया समिति ने रसोइयों का चयन प्रक्रिया मई माह में पूरा किया था. मई महीने में छपे विज्ञापन के अनुसार शासनादेश व विभाग द्वारा तय मानक का भी ध्यान रखा गया. एक जूलाई से सभी चयनित रसोइया नियमित कार्य भी कर रही है. बावजूद खण्ड शिक्षा अधिकारी बेलहरी ग्राम प्रधान से रसोइयों को हटाने के लिए दबाव बना रहे हैं. ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर एसडीआई पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. ग्राम प्रधान सहित शिक्षकों में नाराजगी है.

विकास खण्ड बेलहरी अन्तर्गत रेपुरा ग्राम सभा का पुरवा सुजानीपुर दो साल पहले तक था. पंचायत चुनाव के समय सुजानीपुर ग्राम सभा कायम हो गया. यहां ग्राम प्रधान भी चुन लिया गया. गांव की रसोइया समिति ने विज्ञापन के आधार पर मई माह में रसोइयों का आवेदन मांगा गया. रसोइया चयन समिति में सुजानीपुर के ग्राम प्रधान मुन्नी देवी, उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज पान्डेय, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश यादव सहित रसोइया समिति के सदस्यों द्वारा रसोइयों का चयन प्रक्रिया पूरा किया गया.

दोनों विद्यालयों पर कुल 13 आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें से सात को नियुक्त करना था. चयन समिति ने चार पुराने रसोइयों का चयन किया तो वहीं तीन नये रसोइया भी चयनित हुई थी. जिसमें विधवा व परित्यक्ता को वरियता देते हुए पात्रों का चयन किया गया. चयन प्रस्ताव से लेकर कार्यवाही रजिस्टर आदि सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी बेलहरी को दिया गया था, ताकि विभागीय प्रक्रिया पूरा की जा सके. ग्राम प्रधान के मुताबिक खण्ड शिक्षा अधिकारी बेलहरी ही चयन प्रक्रिया पर अंगुली उठा रहे है.

बताया कि विभाग का कहना है कि पूर्व के रसोइयों को क्यों हटाया गया? चयन समिति द्वारा सुजानीपुर की रसोइयों को रखा गया है, जबकि विभाग रेपुरा ग्राम सभा के सधवा रसोइयों को रखने पर आमादा है. खण्ड शिक्षा अधिकारी बेलहरी ने ग्राम प्रधान से जब कहा कि जब तक मामले का निस्तारण नहीं हो रहा है तब तक पुराने रसोइया से कार्य कराइए. इसके बाद ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर खण्ड शिक्षा अधिकारी की शिकायत की है.

सवाल यह उठता है कि जब पुराने रसोइयों को ही रखना जरूरी है तो फिर प्रतिवर्ष विभाग विज्ञापन जारी कर नया आवेदन क्यों लेता है?रसोइयों की नियुक्ति मात्र 10 माह के लिए होती है. ऐसे में विभागीय हस्तक्षेप का मतलब क्या है? अगर विभाग को ही चयन करना है तो फिर रसोइया चयन समिति का प्रस्ताव क्यों लिया जा रहा है? ऐसे कई प्रश्न ग्रामीणों व अध्यापकों के समक्ष से परे है. ग्रामीणों का कहना है कि चयन समिति ने पात्रों व विधवाओं को चयनित कर अच्छा कार्य किया है, जबकि विभाग अपात्र व सधवा को नियुक्त करवाना चाहता है. विभाग ही गांव में राजनीति कर रहा है.

सुजानीपुर के विद्यालयों में रेपुरा की रसोइया काम करती थी, जो पहले से कार्य कर रही थी उन्हीं को रखना चाहिए. नया नहीं करना चाहिए. पूर्व की रसोइयों ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र दिया है – अनिल कुमार, खण्ड शिक्षा अधिकारी, बेलहरी