दिन बहुरने का बाट जोहती सहतवार सब्जी मंडी ‘बुढ़ा’ गई

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सहतवार (बलिया) से रितेश तिवारी

ritesh_tiwariजिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर पूरब स्थित सहतवार की सब्जी मण्डी इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. वहीं सब्जी बिक्रेता से किसान तक हलकान हैं. सब्जी मंडी का निर्माण 1989 में मूर्त रूप लिया था. इसके बाद आज तक इस का लोकार्पण नहीं हो सका. नतीजन रखरखाव के अभाव में सब्जी मंडी का टीन शेड टूट गया है. खंभों में भी जंग लग गया है. परिसर आवारा पशुओं का अड्डा है. क्षेत्रीय लोग इस सब्जी मंडी का शौचालय के तौर पर प्रयोग करते हैं.

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फील्ड भी लगभग झाड़ कंजास में तब्दील हो गया है. रात में तो दूर, दिन में भी यह जगह वीरान लगती है. बता दें कि तत्कालीन जनता पार्टी के विधायक विजय लक्ष्मी के प्रयास से मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने बलिया को यह सौगात दी थी. लगभग 10 लाख की लगत से लगभग पांच एकड़ की भूमि को किसानों को मुआवजा देकर सब्जी मंडी के लिए आवंटित कर दिया था. इसके बाद सब्जी मंडी बनना शुरू हुआ.

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इसके बाद मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह बने. उनके कार्यकाल में निर्माण कार्य में सुस्ती आ गई, एक बार फिर नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने तो विधायक विजय लक्ष्मी ने उन्हें उन्हें सब्जी मंडी और वादे की याद दिलाई. 1989 में जनता दल से मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री का ताज पहने. विजय लक्ष्मी तथा स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि सब्जी मंडी का लोकार्पण हो जाएगा. इसके बाद किसानों को सब्जी लेकर बलिया तक की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. सन् 2016 तक कई सरकारें आई गईं. किसी ने किसानों की सुविधा का ध्यान नहीं रखा, जबकि इस दौरान कई दिग्गज राजनीतिक हस्तियां सहतवार का दौरा कर चुकी हैं. लेकिन सब्जी मंडी की फिक्र करने की फुरसत किसी को नहीं है.