छितेश्वर नाथ मंदिर : खुदाई के दौरान ऊपर की जगह नीचे जाता रहा शिवलिंग

तपस्वी को एक दिन सपने में भोलेनाथ ने( सीता अवनी) छितौनी में होने का संकेत दिया. और कहा कि इतनी दूर मत जाओ मैं यही हुं , फिर आस पास के ग्रामीणों के सहयोग से उक्त स्थान पर खुदाई की गई . खुदाई के उपरांत छितौनी में ही इस शिवलिंग का विग्रह प्राप्त हुआ. इस शिव लिंग को ऊपर लाने का बहुत प्रयास किया गया. जब जब शिवलिग को ऊपर लाने का प्रयास होता तब तब शिवलिंग उतना ही नीचे चला जाता. तभी भगवान भोलेनाथ महात्मा के रूप में प्रकट होकर गाँव के लोगों को दर्शन देकर इसी तरह शिवलिंग की पूजा अर्चना करने की सलाह दी और इस शिवलिंग को छितेश्वर नाथ महादेव का नाम देकर अंतर्ध्यान हो गए.

महर्षि वाल्‍मीकि, माता सीता और कुश से जुड़ते हैं छितेश्वरनाथ मंदिर के कनेक्शन

बलिया की धरा देवी देवता ऋषियों मुनियों की बदौलत जानी जाती है. जी हां, बात कर रहे है शंकर महादेव के मंदिरों की. वैसे तो हर शिवालयों का अलग ही महत्व है.